सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए डॉक्टर और इंजीनियर बनना किसी सपने से कम नहीं है. उनके सपनों को साकार करने का जिम्मा उठाते हुए दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों में इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों को NEET और JEE जैसी प्रवेश परीक्षाओं के लिए निशुल्क कोचिंग देना का फैसला किया है. इसकी जानकारी अधिकारियों ने दी है. शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने छात्रों को प्रवेश परीक्षाओं के लिए तैयार करने के लिए 'अवंती फेलो' के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है.
दिल्ली उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "कार्यक्रम के पहले साल, दिल्ली सरकार के स्कूलों से चयनित कक्षा 11वीं-12वीं के 6,000 बच्चों को विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए टेस्ट सीरीज, परीक्षाओं के लिए आवश्यक शैक्षणिक सहायता और तैयारी के दौरान नियमित सलाह मुफ्त कोचिंग के द्वारा प्रदान की जाएगी." उन्होंने कहा, "इससे पहले, यह मुफ्त कोचिंग कार्यक्रम कुछ स्कूलों में पायलट बेसिस पर शुरू किया गया था, जिसके परिणाम उत्कृष्ट थे. इस कार्यक्रम के तहत एससी और एसटी वर्ग की 160 से अधिक लड़कियों को विशेषज्ञों द्वारा एनईईटी के लिए मुफ्त कोचिंग मिल रही है."
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कई बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बनने के लिए सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा या इंजीनियरिंग संस्थानों से उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सपना देखते हैं, लेकिन उनके माता-पिता महंगी कोचिंग का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं. अब यह तस्वीर बदलेगी. सरकार के इस कदम के साथ हजारों भविष्य के डॉक्टर-इंजीनियर, वैज्ञानिक, एसटीईएम (विज्ञान प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग गणित) विशेषज्ञ, अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों में तैयार किए जाएंगे, जो भारत को विश्व स्तर पर गौरवान्वित करेंगे."
इस समय दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में 30,000 से अधिक छात्र साइंस स्ट्रीम में पढ़ाई कर रहे हैं. मंत्री ने कहा, "निशुल्क परीक्षा तैयारी कार्यक्रम इन छात्रों को इंजीनियरिंग, एमबीबीएस/बीडीएस, फार्मेसी, नर्सिंग, पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों और अनुसंधान कार्यक्रमों में शीर्ष स्नातक कार्यक्रमों और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने और एसटीईएम शिक्षा को बढ़ावा देने में मदद करेगा."