उप राष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 बदलाव का कारक साबित होगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) देश की ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की जरूरतों के अनुरूप उच्च शिक्षण संस्थानों को पुनर्गठित करने पर जोर देती है.
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से संबद्ध हंसराज कॉलेज के 75वें स्थापना दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि राष्ट्र के लिए शिक्षा सशक्त, आलोकित करने वाली और स्वतंत्र होनी चाहिए ताकि वह देश को एक होकर आगे बढ़ने में मदद कर सके.
उन्होंने कहा, ‘‘ राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 शिक्षा जगत को बदलने वाली है. एनईपी राष्ट्रीय विकास के लिए पाठ्यक्रम के संदर्भ में शिक्षण संस्थानों को एक विस्तृत, बहुस्तरीय ढांचा प्रदान करती है और देश की ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरी करने के लिए शिक्षण संस्थानों को पुनर्गठित करना चाहती है.''
नायडू ने कहा, ‘‘यह नीति बदलाव का कारक साबित होगी. मुझे खुशी है कि दिल्ली विश्वविद्यालय इसी शैक्षणिक सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कर रहा है.''
अपने संबोधन में नायडू ने कहा कि शिक्षा राष्ट्रीय विकास की कुंजी है. उन्होंने इसके साथ ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक सभी की पहुंच होने पर जोर दिया. उप राष्ट्रपति ने शिक्षकों से अपील की कि वे अपने शिक्षण और पाठ्यक्रम को भारत के वास्तविक इतिहास, संस्कृति, परंपरा, लोककला, भाषा, बोली और भारतीय मूल्यों के साथ जोड़ें.
बता दें कि हंसराज कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय से संबंध प्रतिष्ठ कॉलेज है. इसकी स्थापना डीएवी संगठन ने 26 जुलाई 1948 में की थी. कॉलेज के मौजूदा परिसर का उद्घाटन देश के पहले राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने किया था.