'ड्रोन पायलट प्रशिक्षण पाठ्यक्रम ('Drone Pilot Training Course)' का शुल्क अगले तीन-चार महीनों में कम हो जाएगा. नागर उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) ने मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इस पाठ्यक्रम (course) की संचालित करने वाले संस्थानों की संख्या बढ़ने जा रही है, जिससे प्रशिक्षण शुल्क में कमी आएगी. एक किसान ने वीडियो क्रॉन्फ्रेंस के जरिए सिंधिया के साथ बातचीत के दौरान 'ड्रोन पायलट प्रशिक्षण पाठ्यक्रम' के लिए 'उच्च शुल्क' का मुद्दा उठाया था.
सिंधिया ने कहा कि बीते पांच महीनों में विमानन नियामक डीजीसीए ने ड्रोन पायलटों के प्रशिक्षण के लिए 23 संस्थानों को मान्यता दी है. मंत्री ने मोबाइल फोन की कीमत का उदाहरण दिया और बताया कि कैसे भारत में पिछले कुछ वर्षों में यह सस्ता हुआ है.
मंत्री ने कहा, 'जैसे-जैसे स्कूलों की संख्या बढ़ेगी, ड्रोन पायलटों के प्रशिक्षण की लागत भी कम होगी. अगले तीन से चार महीनों के अंदर आप उस क्रांति को भी देखेंगे, क्योंकि हम ऐसे स्कूलों की संख्या बढ़ाते रहेंगे.'
सिंधिया ने कहा कि देश को निश्चित रूप से अधिक ड्रोन पायलटों की जरूरत है और यही कारण है कि उनकी प्रमाणन प्रक्रिया पूरी तरह से विकेंद्रीकृत हो गई है. उन्होंने कहा, 'अब केवल डीजीसीए ही ड्रोन स्कूलों को प्रमाणित करेगा और संबंधित ड्रोन स्कूल पायलटों को प्रमाण पत्र देंगे.'