देश के विभिन्न क्षेत्रों में भीषण गर्मी के कारण लोग काफी प्रभावित हुए हैं. अप्रैल के अंत में भीषण गर्मी के कारण दिल्ली के कई हिस्सों में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक चला गया था. शिक्षा मंत्रालय के दिशानिर्देशों में स्कूलों से कक्षा के समय में बदलाव करने को कहा गया है और प्रत्येक दिन स्कूल के घंटों में कमी करने को कहा गया है. इसमें कहा गया है कि स्कूल पोशाक के नियमों में भी छूट दे सकते हैं और चमड़े के जूते के स्थान पर कैनवास के जूते उपयोग करने की अनुमति दी जा सकती है.
मंत्रालय ने कहा कि स्कूलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पंखे ठीक से चल रहे हों, साथ ही बिजली का वैकल्पिक इंतजाम भी करना चाहिए. दिशानिर्देशों में कहा गया है कि स्कूलों में पढ़ाई जल्द शुरू कर सकते हैं और दोपहर से पहले कक्षाएं समाप्त कर सकते हैं तथा स्कूल खुलने का समय प्रातः 7.00 बजे हो सकता है.
दिशानिर्देशों के अनुसार प्रतिदिन स्कूलों में पढ़ाई की कुल अवधि घटाई जा सकती है व खेल तथा अन्य आउटडोर गतिविधियां, जो फिलहाल छात्रों को कड़ी धूप में ही करनी पड़ती हैं, प्रात: काल में उचित रूप से समायोजित की जा सकती हैं. इसमें कहा गया है कि स्कूल असेंबली या तो छांह में या कक्षाओं में आयोजित की जानी चाहिए और इसकी अवधि भी घटा देनी चाहिए.
इसमें यह भी कहा गया है कि स्कूल बस या वैन में अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए तथा वाहनों में उतने ही विद्यार्थी होने चाहिए जितनी उनमें सीट होती है. बस या वैन में पेयजल और प्राथमिक चिकित्सा किट उपलब्ध कराने के लिए भी कहा गया है. इसके अलावा पैदल या साइकिल से स्कूल आने वाले विद्यार्थियों को सलाह दी जानी चाहिए कि वे रास्ते में अपना सिर ढंक कर रखें.