वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार समझौते के तहत दोहरी डिग्री कार्यक्रम से अधिक से अधिक भारतीयों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने और दोनों देशों के विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी. तीन दिवसीय ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहुंचे गोयल ने कहा कि दोनों पक्ष इसे लेकर काम कर रहे हैं.
मंत्री ने कहा कि शैक्षणिक योग्यताओं को परस्पर मान्यता दी जाएगी और साथ ही साथ “हम यह संभावना भी देख रहे हैं” कि डिग्रियां संयुक्त रूप से दी जाएं, “मान लीजिए भारत में आईआईटी और ऑस्ट्रेलिया में एक विश्वविद्यालय द्वारा या भारत में एक मेडिकल कॉलेज और ऑस्ट्रेलिया में एक मेडिकल कॉलेज द्वारा.”
उन्होंने कहा कि इस कदम से छात्रों की पहुंच बढ़ेगी, अनुभव मिलेगा, नया कौशल आएगा, नया ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिलेगी और यह दोनों देशों के छात्रों के लिए अच्छा होगा. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “दोहरी डिग्री के साथ लाभ यह है कि हम अधिक से अधिक भारतीयों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने में मदद करेंगे, जिससे लागत काफी कम, लगभग आधी हो जाती है.”
उन्होंने कहा कि इस कदम से एक-दूसरे की डिग्री और पाठ्यक्रम सामग्री को समझने में मदद मिलेगी. देशों के बीच दोहरे डिग्री कार्यक्रम के तहत, छात्रों को ऑस्ट्रेलिया में दो साल और भारत में दो साल के लिए अध्ययन करने की अनुमति दी जाएगी. ऐसा कुछ मानदंडों के अधीन होगा जिन पर चर्चा हो रही है.
ऑस्ट्रेलियाई व्यापार, पर्यटन और निवेश मंत्री डैन तेहान ने कहा कि यह कार्यक्रम दोनों देशों के लिए शानदार होगा क्योंकि “यदि आप एक भारतीय छात्र या ऑस्ट्रेलियाई छात्र हैं, तो आप अपनी डिग्री के एक या दो साल ऑस्ट्रेलिया में और एक-दो साल भारत में पूरा कर सकते हैं, इसलिए विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग बढ़ेगा.”
तेहान ने कहा, 'मुझे ऑस्ट्रेलिया और भारत के विश्वविद्यालयों के बीच दोहरी डिग्री देखने की उम्मीद है.” इससे उच्च शिक्षा स्तर पर सहयोग बढ़ेगा. उन्होंने कहा, “तो यह वास्तव में समझौते का एक विशेष हिस्सा है.” तेहान ने यह भी कहा कि दोनों पक्षों ने यहां योग और इसे बढ़ावा देने के तरीकों पर भी चर्चा की.