DU के प्रवेश परीक्षा कराने के फैसले का DTF ने किया विरोध, कहा- इससे कोचिंग बाजार में होगी वृद्धि

वामपंथी शिक्षक संगठन डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) की सचिव आभा देव हबीब ने कहा कि ये कदम संकेत देता है कि ऐसा नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत किया जा रहा है.

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DU में अगले साल से स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजित किया जाएगी
नई दिल्ली:

दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) ने सोमवार को एक आधिकारिक अधिसूचना जारी कर कहा है कि अगले साल से स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी. अधिसूचना में कहा गया है कि ''दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने 17 दिसंबर, 2021 को हुई अपनी बैठक में निर्णय लिया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी स्नातक (यूजी) पाठ्यक्रमों में शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से दाखिले केंद्रीय विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीयूसीईटी) या दिल्ली विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (डीयूसीईटी) के माध्यम से किए जाएंगे. सीयूसीईटी/डीयूसीईटी के बारे में विस्तृत जानकारी बाद में जारी की जाएगी.''

वहीं वामपंथी शिक्षक संगठन डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) ने इस कदम की आलोचना की है. डीटीएफ की सचिव आभा देव हबीब ने कहा कि ये कदम संकेत देता है कि ऐसा नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत किया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'आज की अधिसूचना स्पष्ट रूप से दिखाती है कि प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दाखिले देने का कदम हमारी अपनी आवश्यकता के बजाय एनईपी के तहत उठाया गया है. ये दावा पूरी तरह गलत है कि प्रवेश परीक्षा समावेशी है. एनईईटी के संबंध में मद्रास उच्च न्यायालय का हालिया निर्णय आंख खोलने वाला है.''

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उन्होंने कहा, 'निश्चित सीटों की पेशकश कर, छात्रों के लिए कोई नया अवसर सृजित नहीं किया गया. सीयूसीईटी का मतलब होगा 11वीं और 12वीं कक्षाओं को और कमजोर करना, कोचिंग बाजार में वृद्धि, छात्रों के लिए एक स्ट्रीम से दूसरी स्ट्रीम में जाने में कम लचीलापन और वंचित पृष्ठभूमि के छात्रों का बहिष्कार.'

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