मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अधिकारियों को सुझाव दिया कि उच्च और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में होने वाली परीक्षाओं को लेकर जल्द फैसला लिया जाए. उन्होंने यह बात टीम-9 की एक बैठक में कही जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग को परीक्षाओं के संबंध में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालयों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि एक ऐसी प्रणाली बनाई जानी चाहिए जो छात्रों के हित को सबसे ऊपर रखे.
राज्य सरकार ने 13 मई को सभी विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में परीक्षा के बिना छात्रों को अगले सेमेस्टर में कैसे पदोन्नत किया जाए, इस पर सुझाव देने के लिए तीन कुलपतियों की एक समिति का गठन किया था क्योंकि कोविड -19 स्थिति के बीच शारीरिक परीक्षा आयोजित करना एक कठिन काम था.
समिति में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय, एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक और बरेली में ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कृष्ण पाल सिंह शामिल थे. समिति ने 20 मई को अपनी रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव (उच्च शिक्षा) मोनिका एस गर्ग के कार्यालय को सौंपी.
एकेटीयू (एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय), लखनऊ ने कहा, हम राज्य सरकार के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं जिसके बाद ही तय होगा 2020-21 सत्र के लिए अपनी आगामी परीक्षा आयोजित करनी चाहिए या नहीं.
ऐसे ही एक छात्र अक्षय मिश्रा ने ट्वीट किया, "सर, कृपया कम से कम अगले महीने तक परीक्षा न दें. इसे एक महीने के लिए स्थगित कर दें ताकि हम मानसिक रूप से खुद को तैयार कर सकें."
फैजानुद्दीन खान ने एक ट्वीट में कहा, "मेरी राय में कोई परीक्षा नहीं होनी चाहिए. पहले आयोजित ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान, हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा. कई छात्रों ने संघर्ष किया क्योंकि वे पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम नहीं थे."