केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के कक्षा 12वीं के अकाउंटेंसी पेपर में छात्रों को कम से कम 5 या 6 ग्रेस मार्क्स देने वाला ऑडियो संदेश फर्जी निकला है. सीबीएसई ने मंगलवार को एक अधिसूचना जारी कर कहा कि ऑडियो परीक्षा नियंत्रक डॉ संयम भारद्वाज का नहीं है और बोर्ड ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है. दरअसल सोशल मीडिया पर परीक्षा नियंत्रक डॉ संयम भारद्वाज का एक ऑडियो संदेश काफी वायरल हो रहा था. जिसमें वो ये कहते हुए सुनाई दे रहे थे कि पेपर के पैटर्न में अंतिम समय में बदलाव करने से छात्रों को परेशानी हुई. साथ ही एक सवाल का उत्तर भी गलत दिया गया था.
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फर्जी ऑडियो में संयम भारद्वाज कहा रहे थे कि "छात्रों चिंता न करें, यदि अपने 28 से 31 प्रश्नों का सही जवाब दिया हैं, तो आप लगभग 38 अंक प्राप्त करेंगे. सीबीएसई छात्रों को अधिकतम 6 अंकों तक का ग्रेस मार्क्स भी देगी. ऑडियो में आगे कहा गया कि परीक्षा के अंतिम समय में पैटर्न में बदलाव छात्रों के लिए "सदमा" था. सीबीएसई के सैंपल पेपर में 55 में से 45 प्रश्नों को हल करने के लिए कहा गया था. जबकि परीक्षा के पेपर में 48 में से 40 प्रश्न थे. ये छात्रों के लिए चौंकाने वाली चीज थी. साथ ही, पेपर में निर्देश उचित नहीं थे. उत्तर कुंजी में प्रश्न संख्या 10 का उत्तर 100 प्रतिशत गलत है, प्रश्न संख्या 47 विवादास्पद है." छात्रों को कम से कम 5 या 6 ग्रेस अंक मिलेंगे.
दरअसल सीबीएसई की ओर से छात्रों के लिए सैंपल पेपर जारी किए गए थे. ताकि पेपर के पैटर्न छात्र अच्छे से समझ सकें. वहीं अकाउंटेंसी का पेपर सैंपल पेपर से काफी अलग आया था. जिसके बाद ये ऑडियो संदेश वायरल होने लगा. इसी बीच अब सीबीएसई ने बयान जारी कर ये साफ किया है कि ये संदेश फर्जी है और इसपर विश्वास नहीं किया जाएगा.
बोर्ड ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि ये बोर्ड के संज्ञान में लाया गया है कि परीक्षा नियंत्रक के नाम से एक ऑडियो संदेश का कथित हवाला देते वाली फर्जी रिपोर्ट प्रसारित हो रही है. जिसमें दावा किया गया है कि 12वीं कक्षा के अकाउंटेंसी की पहली टर्म की 13 दिसंबर को हुई परीक्षा में छह ग्रेस अंक तक दिए जाएंगे. ‘‘खबरों में प्रकाशित सामग्री पूरी तरह निराधार और झूठी है. किसी भी रिपोर्टर ने इस संबंध में परीक्षा नियंत्रक, सीबीएसई से बात नहीं की और बोर्ड ने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है. अत: सीबीएसई जनता को अपने निहित स्वार्थों वाली ऐसी अपुष्ट खबरों के जाल में न फंसने को लेकर आगाह करती है.''