CBSE 10th English Paper Controversy: दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने सोमवार को सीबीएसई को एक नोटिस जारी किया है और 10वीं की अंग्रेजी विषय की परीक्षा में ‘‘लैंगिक रूढ़िवादिता'' को बढ़ावा देने और ‘‘प्रतिगामी धारणाओं'' का समर्थन करने वाले पैसेज के संबंध में विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है. डीसीडब्ल्यू ने अपने नोटिस में पैसेजे लिखने, प्रश्न पत्र के लिए इसे चुनने वाले जिम्मेदार लोगों के नाम और पदनाम बताने को कहा है और पूछा है कि क्या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है. ये भी जानना चाहा है कि क्या सीबीएसई द्वारा प्रकाशित किसी भी सामग्री को विशेषज्ञों की जांच से गुजरना पड़ता है ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि ये लिंग समावेशी है और लैंगिक रूढ़ियों का प्रचार नहीं करता है.
नोटिस में कहा गया है, ‘‘क्या इस पैसेज की जांच किसी विशेषज्ञ द्वारा की गई थी? यदि हां, तो कृपया इस गलत के लिए उनके खिलाफ की गई कार्रवाई के साथ-साथ इसका पूरा विवरण प्रदान करें.'' नोटिस में सीबीएसई से भविष्य में उसके अध्ययन, परीक्षा और अन्य सामग्री में इस तरह के लेखों के प्रकाशन को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में अवगत कराने और मामले में एक विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. बोर्ड को 17 दिसंबर तक नोटिस का जवाब देना है.
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गौरतलब है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की शनिवार को आयोजित 10वीं की परीक्षा में प्रश्नपत्र में ‘‘महिलाओं की मुक्ति ने बच्चों पर माता-पिता के अधिकार को समाप्त कर दिया'' और ‘‘अपने पति के तौर-तरीके को स्वीकार करके ही एक मां अपने से छोटों से सम्मान पा सकती है'' जैसे वाक्यों का इस्तेमाल किया गया था. जिसपर काफी लोगों ने और नेताओं ने आपत्ति जताई थी. प्रश्नपत्र के ऐसे अंश सोशल मीडिया पर वायरल हो गए. इन प्रश्नों को लेकर ट्विटर पर लोगों ने सीबीएसई पर निशाना साधा और उपयोगकर्ता हैशटैग ‘‘सीबीएसई इनसल्ट्स वीमेन'' (सीबीएसई ने महिलाओं का अपमान किया) का समर्थन करने का आह्वान करते दिखाई दिए.
वहीं मामले को बढ़ता हुआ देख सीबीएसई ने सोमवार को 10वीं कक्षा की अंग्रेजी परीक्षा के एक पैसेज और उससे जुड़े प्रश्नों को हटा दिया और छात्रों को इसके लिए पूरे अंक देने का फैसला किया.