Malvika Iyer: 17 साल पहले बम ब्‍लास्‍ट में गंवा दिए थे दोनों हाथ, इस तरह जीती जिंदगी की जंग, बनीं मिसाल

महिलाओं के सर्वोच्च नागिरक सम्मान से राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित हैं मालविका अय्यर.

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मालविका अय्यर, जिनकी जिंदगी दूसरों के लिए मिसाल है
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17 साल पहले मालविका ने गंवा दिए थे दोनों हाथ.
राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित हैं मालविका.
दुनिया भर में मोटिवेश्नल स्पीकर और एक्टिविस्ट का काम करती हैं मालविका.
नई दिल्ली:

यूं तो हम अपनी जिंदगी मे छोटी-छोटी बातों को लेकर शिकायत करते रहते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो जिंदगी में बड़ी से बड़ी बाध्यता होने के बावजूद उसे आसानी से लांघ जाते हैं. ऐसी ही कहानी है मोटिवेश्नल स्पीकर मालविका अय्यर की. 17 साल पहले एक छोटी सी लड़की गोंद की मदद से एक फटी जींस को ठीक करना चाहती थी. जिसके लिए वह कुछ तलाश रही थी जो इस काम में उसकी मदद कर सके. इसके लिए लड़की तेजी से दौड़ते हुए अपने घर के गराज में गई और कुछ ऐसा ढूंढ लाई जो उसके लिए काम कर जाए. हालांकि, उस लड़की के लिए इससे बड़ी कोई भूल नहीं हो सकती थी. दरअसल,  बच्ची जो अपने हाथ में उठा लाई थी वो कुछ और नहीं बल्कि एक ग्रेनेड था. घर के आस-पास रहे गोला-बारूद के डिप्पो मे हुए विस्फोट के चलते ग्रेनेड घर के गराज तक आ गया था. दुर्भाग्यवश ग्रेनेड गोंद के संपर्क में आते ही फट गया और बच्ची ने अपने दोनों हाथ गंवा दिए और उसके शरीर में बहुत सी चोटें आईं.

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आज भी मालविका याद करती हैं कि उस वक्त सब ने ये सोच लिया था कि अब इस बच्ची की जिंदगी खत्म हो जाएगी.
30 वर्षीय मालविका अय्यर ने मंगलवार यानी विश्व विक्लांग दिवस पर ट्वीट किया, "17 साल पहले जब मैं अस्पताल में बिस्तर पर थी मैंने कुछ औरतों को फुसफुसाते सुना था: 'क्या तुमने जनरल वॉर्ड में उस लड़की को देखा? कितने दुख की बात है! जरूर इस बच्ची को किसी ने श्राप दिया होगा, इस लड़की जिंदगी तो अब खत्म हो गई है'."  बता दें कि मालविका अय्यर एक मोटिवेश्नल स्पीकर हैं, जिन्हें महिलाओं के सर्वोच्च नागिरक सम्मान से राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जा चुका है. साफ है कि उस वक्त औरतों ने मालविका के लिए अस्पताल में जो कहा था वो सच साबित नहीं हुआ.

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मालविका ने अपनी 10वीं की परीक्षा चेन्नई से की, यही नहीं उन्होंने राज्य स्तर पर रैंक भी हासिल की. बता दें कि
मालविका को राष्ट्रपति एपीजे कलाम द्वारा मिलने के लिए राष्ट्रपति भवन आमंत्रित किया गया था. अपनी आगे की पढ़ाई-लिखाई मालविका ने दिल्ली से की जहां उन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्विद्यालय के ही दिल्ली स्कूल ऑफ सोशल वर्क्स से पोस्ट ग्रेजुएशन किया. आज की तारीख में मालविका दुनिया भर में बतौर मोटिवेश्वनल स्पीकर भाषण दे चुकी हैं और कई कार्यशालाओं में भी शिरकत कर चुकी हैं. वे अपने ही जैसे दूसरे लोगों को प्रेरित करती हैं और संदेश देती हैं कि उनकी तरह हर कोई बाधाओं से ऊपर उठकर जीवन सें सफलता हासिल कर सकता है.  

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हालांकि, मालविका की कामयाबी को सिर्फ एक तरह से मापना सही नहीं होगा, उनके ट्विटर प्रोफाइल पर जाकर देखेंगे तो मालूम चलेगा कि वे एक बम ब्लास्ट सर्वाइववर हैं, राष्ट्रीय सम्मान से पुरस्कृत हैं, मोटिवेश्नल स्पीकर हैं, विक्लांगों के लिए काम करने वाली एक्टिविस्ट हैं, वर्ल्ड इकॉनॉमिक ग्लोबल फॉरम स्पीकर भी हैं.  इसके अलावा जगन्नाथ श्रीराम ने मालविका पर एक ग्राफिक नोवेल तैयार किया है जो उनके जिंदगी के सफर के बारे में बताता है. 

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