राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (National Council for Teacher Education) ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (four-year integrated teacher education programmes) के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया है. आईटीईपी (ITEP) ड्यूल बैचलर डिग्री है, जो बीए बीएड, बीएससी बीएड और बीकॉम बीएड कोर्स ऑफर करता है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह शिक्षक शिक्षा से संबंधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ( National Education Policy 2020) के प्रमुख आदेशों में से एक है. इसे शुरू में देश भर के बहु-विषयक केंद्रीय, राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों और संस्थानों में पायलट मोड में पेश किया जाएगा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (National Testing Agency) द्वारा आयोजित नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (National Common Entrance Test) के जरिए प्रवेश दिया जाएगा.
आधिकारिक बयान में कहा गया, "बहु-विषयक केंद्र (multidisciplinary Central) / राज्य सरकार के विश्वविद्यालय (State Government Universities) / संस्थान मान्यता प्राप्त करने के लिए चार वर्षीय आईटीईपी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इच्छुक उम्मीदवार 1 मई से 31 मई 2022 (रात 11:59 बजे तक) आवेदन कर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार https://ncte.gov.in पर जाएं."
शिक्षा मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (National Council for Teacher Education) ने एनईपी 2020 के अनुसार इस पाठ्यक्रम को इस तरह तैयार किया है कि यह छात्र-शिक्षक को शिक्षा में डिग्री के साथ-साथ इतिहास, गणित, विज्ञान, कला, अर्थशास्त्र या वाणिज्य जैसे विषयों में भी सक्षम बनाता है.
आधिकारिक बयान के अनुसार, आईटीईपी न केवल अत्याधुनिक शिक्षाशास्त्र प्रदान करेगा बल्कि प्रारंभिक चाइल्ड केयर एंड एजुकेशन (ECCE), फाउंडेशन लिटरेसी एंड न्यूमेरसी (ईसीसीई), समावेशी शिक्षा, भारत और इसके मूल्यों की समझ लोकाचार, कला, परंपराएं को लेकर एक नींव भी स्थापित करेगा.
चार वर्षीय आईटीईपी उन सभी छात्रों के लिए उपलब्ध होगा जो माध्यमिक के बाद शिक्षण को एक पेशे के रूप में करना चाहते हैं. यह एकीकृत पाठ्यक्रम छात्रों को लाभान्वित करेगा क्योंकि वे वर्तमान बीएड योजना के लिए आवश्यक पांच वर्षों के बजाय इसे चार वर्षों में पूरा करके एक वर्ष की बचत करेंगे.
चार साल का आईटीईपी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख आदेशों में से एक को पूरा करने में मील का पत्थर साबित हुआ है. पाठ्यक्रम पूरे शिक्षक शिक्षा क्षेत्र के पुनरोद्धार में महत्वपूर्ण योगदान देगा. भारतीय मूल्यों और परंपराओं के आधार पर बहु-विषयक वातावरण के माध्यम से इस पाठ्यक्रम से गुजरने वाले भावी शिक्षकों को वैश्विक मानकों पर 21वीं सदी की जरूरतों के साथ जोड़ा जाएगा और इसलिए नए भारत के भविष्य को आकार देने में काफी हद तक सहायक होंगे.