कोरोना से माता-पिता को खो चुके बच्चों को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी देगी मुफ्त शिक्षा

इलाहाबाद विश्वविद्यालय उन छात्रों से कोई शैक्षणिक शुल्क नहीं लेगा जिन्होंने कोविड में अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है. साथ ही छात्रावास शुल्क का 50 प्रतिशत माफ भी करेगा.

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छात्रों से कोई शैक्षणिक शुल्क नहीं लेगा
नई दिल्ली:

इलाहाबाद विश्वविद्यालय उन छात्रों को एक बड़ी राहत देने जा रहा है जिन्होंने कोरोना महामारी में अपने माता-पिता को खो दिया है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने घोषणा की है कि वह उन छात्रों से कोई शैक्षणिक शुल्क नहीं लेगा जिन्होंने कोविड में अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है. साथ ही विश्वविद्यालय शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए छात्रावास शुल्क का 50 प्रतिशत माफ भी करेगा. कुल शैक्षणिक शुल्क और 50 प्रतिशत शैक्षणिक शुल्क माफ करने का निर्णय कोविड की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. बता दें कि यह रियायत विश्वविद्यालय और उससे संबंधित कॉलेजों के सभी छात्रों पर लागू होगी. हालांकि एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह प्रावधान उन छात्रों के लिए लागू नहीं होगा, जिन्होंने एक माता-पिता को खो दिया है.

विश्वविद्यालय के एक बयान में कहा गया है, "जैसा कि हम जानते हैं, मार्च 2020 से देश में कोविड-19 तेजी से फैला था और यह वायरस इतना घातक था कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय और इसके कॉलेजों के कई छात्रों ने अपने माता-पिता को खो दिया है."

विश्वविद्यालय ने कहा, "ऐसे छात्रों की दयनीय दुर्दशा को ध्यान में रखते हुए, माननीय कुलपति ने उन छात्रों के संबंध में शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए कुल शैक्षणिक शुल्क और छात्रावास शुल्क का 50 प्रतिशत माफ किया है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय और उसके संघटक कॉलेजों के जिन्होंने कोरोना वायरस के कारण माता-पिता दोनों को खो दिया है.”

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इस बीच, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं बंद कर दी हैं. अंडरग्रेजुएट छात्रों के लिए नियमित ऑफ़लाइन कक्षाएं 14 फरवरी से और पीजी छात्रों के लिए कक्षाएं 9 फरवरी से शुरू हो चुकी हैं. हालांकि, शोधार्थियों को पहले की तरह ऑफलाइन मोड में काम करने की अनुमति दी गई है.

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