कोविड-19 के बाद दुनिया ने Online पढ़ाई को अपनाया, तो क्या ऑनलाइन पढ़ाई शिक्षा शिक्षार्थियों की बदलती जरूरते पूरा कर रही!

कोविड काल में जब पूरी दुनिया में लॉकडाउन था तब पढ़ाई के एक नए कॉन्सेप्ट ने जोर मारी. यह नया कॉन्सेप्ट ऑनलाइन पढ़ाई का था, ऐसा नहीं है कि पहले यह कॉन्सेप्ट या मीडियम नहीं था लेकिन कोविड काल में ऑनलाइन पढ़ाई ने पूरी दुनिया में अपनी पकड़ मजबूत की.

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कोविड-19 के बाद पूरी दुनिया ने Online पढ़ाई को अपनाया
नई दिल्ली:

Online Education 2024: देश-दुनिया में साल 2020 के बाद सबकुछ बदल गया, मसलन हमारी खरीदारी, काम करने का तरीका और यहां तक कि हमारी पढ़ाई भी. जी हां कोविड काल में जब पूरी दुनिया में लॉकडाउन था तब पढ़ाई के एक नए कॉन्सेप्ट ने जोर मारी. यह नया कॉन्सेप्ट ऑनलाइन पढ़ाई का था, ऐसा नहीं है कि पहले यह कॉन्सेप्ट या मीडियम नहीं था लेकिन कोविड काल में ऑनलाइन पढ़ाई ने पूरी दुनिया में अपनी पकड़ मजबूत की. कोविड महामारी ने शिक्षा क्षेत्र को वास्तविक से आभासी दुनिया में बदलने की आवश्यकता पर जोर डाला. दुनिया भर के स्कूलों, विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों ने कोविड के दौरान शिक्षण और सीखने के ऑनलाइन तरीके को अपना लिया. तब से, ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म के विकास और स्वीकृति ने शिक्षा को अधिक लचीला और सभी के लिए सुलभ बना दिया है.

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कोविड युग के बाद के बदलावों के बारे में बात करते हुए, कुहू फिनटेक के संस्थापक, प्रशांत ए भोंसले ने कहा, "कोविड के बाद, ऑनलाइन शिक्षा शैक्षिक असमानताओं को पाटने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गई है, खासकर दूरदराज या कम सेवा वाले क्षेत्रों में. भारत जैसे देशों में, यह सक्षम बना रहा है टियर 3, 4 और 5 कस्बों के छात्र स्थानांतरित हुए बिना शीर्ष स्तर के संस्थानों के पाठ्यक्रमों में दाखिला पा रहे हैं. शिक्षा का यह लोकतंत्रीकरण बदलते आर्थिक परिदृश्य में रोजगार के लिए आवश्यक कौशल हासिल करने के लिए छात्रों के व्यापक स्पेक्ट्रम के लिए अवसर पैदा कर रहा है." भोंसले ने आगे कहा कि ऑनलाइन शिक्षा शुरुआत में पारंपरिक शिक्षा के पूरक के रूप में शुरू हुई थी. हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में प्रौद्योगिकी और कार्यप्रणाली में सुधार हुआ और यह मेनस्ट्रीम की शिक्षा में अधिक एकीकृत हो गया है.

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ऑनलाइन शिक्षा पर नए युग की प्रौद्योगिकियों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, मृत्युंजय शर्मा, वीपी - अकादमिक, एथेना एजुकेशन कहते हैं, "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इमर्सिव टेक्नोलॉजियां ऑनलाइन शिक्षा क्षेत्र में क्रांति ला रही हैं. ये फिजिकल और वर्चुअल कक्षाओं के बीच की रेखाओं को धुंधला कर रही हैं. यह कंवर्जेंस शिक्षा को नया आकार दे रहा है, व्यक्तिगत शिक्षण अनुभव और अत्याधुनिक शैक्षणिक रणनीतियों की पेशकश कर रहा है. शिक्षा का भविष्य विश्व के सुदूर कोनों तक ज्ञान और निर्देशों की पहुंच बढ़ाने में निहित है और व्यक्तिगत शिक्षण शैलियों के अनुसार पाठ्यक्रम की गति को व्यक्तिगत शिक्षण शैलियों के अनुकूल बनाने के लिए मशीन लर्निंग का लाभ उठाने में निहित है.

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ओडीए क्लास के एचआर मैनेजर कुसुमा कहते हैं, "शिक्षार्थियों की प्राथमिकताओं, प्रदर्शन और लक्ष्यों का विश्लेषण करके, ये प्लेटफ़ॉर्म सीखने के अनुभव को अनुकूलित करने के लिए अनुरूप सामग्री सिफारिशें, अनुकूली मूल्यांकन और लक्षित हस्तक्षेप प्रदान करते हैं." 

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उन्होंने आगे कहा कि डिजिटल युग में शिक्षार्थियों की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए ऑनलाइन शिक्षण वैयक्तिकृत शिक्षण पथ, इंटरैक्टिव सामग्री, सहयोगी वातावरण, मोबाइल लर्निंग, माइक्रो लर्निंग, मिश्रित मॉडल, अनुकूली मूल्यांकन और आजीवन सीखने जैसे नवीन दृष्टिकोण अपना रहा है. यही नहीं ये दृष्टिकोण शिक्षा के परिदृश्य को नया आकार दे रहे हैं, दुनिया भर में शिक्षार्थियों के लिए सीखने को अधिक सुलभ, आकर्षक और प्रभावी बना रहे हैं.

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