हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, 9वीं से 12वीं क्लास के सिलेबस को किया जाएगा कम

कोरोनावायरस महामारी के कारण पढ़ाई में हुए नुकसान की भरपायी के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने वर्तमान शैक्षिक सत्र में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में कमी करने का फैसला किया है.

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हरियाणा सरकार 9वीं से 12वीं क्लास के सिलेबस को कम करेगी.
नई दिल्ली:

कोरोनावायरस महामारी के कारण पढ़ाई में हुए नुकसान की भरपायी के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने वर्तमान शैक्षिक सत्र में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में कमी करने का फैसला किया है. शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि सरकार ने विद्यालयी शिक्षा बोर्ड को गुरुग्राम के राज्य शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के साथ समन्वय स्थापित कर एक समिति का गठन करने का निर्देश दिया है जो पाठ्यक्रम में कमी को लेकर कार्य करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार मानती है कि कोरोना वायरस हालात के चलते छात्रों को किसी तरह का मानसिक दबाव अथवा बोझ महसूस नहीं होना चाहिए. 

 मंत्री ने कहा कि निर्णय लेने के दौरान यह एक बड़ा कारक था, जिसे संज्ञान में लिया गया जो बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों पर लागू होगा. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाया गया पाठ्यक्रम भी इस पाठ्यक्रम में शामिल होना चाहिए. 

वहीं, राजस्थान बोर्ड (Rajasthan Board To Reduce Its Syllabus) ने भी इस अकेडमिक सत्र के लिए सिलेबस को कम करने का फैसला किया है. राज्य के शिक्षामंत्री गोविंद सिंह दोस्तारा ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने यह भी बताया कि राज्य बोर्ड और राजस्थान स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड टीचिंग (RSCERT) को इस संबंध में बता दिया गया है. मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, "कोरोना की वजह से स्कूलों के कार्यदिवसों में कमी हुई है, इसलिए शिक्षा और शिक्षार्थी हित में #सिलेबस में #कटौती का फैसला लेने हेतु माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर और RSCERT उदयपुर को इस संबंध में निर्देशित किया है. बहुत जल्दी अंतिम निर्णय लिया जायेगा."

CBSE बोर्ड ने 30 फीसदी सिलेबस कम किया

इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक' ने घोषणा की थी कि कोविड-19 की वजह से शैक्षणिक सत्र को पहुंची क्षति की भरपाई के लिए सीबीएसई (CBSE) ने तर्कपूर्ण तरीके से शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए पाठ्यक्रमों को 30 फीसदी तक कम किया है.  जिन विषयों को हटाया गया है, उनमें लोकतंत्र और विविधता, नोटबंदी, राष्ट्रवाद, धर्मनिरपेक्षता, पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंध और भारत में स्थानीय सरकारों का विकास शामिल हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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