एस्पायरेंट वेबसीरीज के स्पिन ऑफ गुरी धैर्य की लव स्टोरी के टेलिकास्ट होने के बाद से ही इस शो की राइटर सोनल शेओपोरी काफी चर्चाओं में हैं. इस सीरीज को लिखते समय उन्हें काफी चैलेंजेस का सामना करना पड़ा. लेकिन उन्होंने अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी. जिसका नतीजा ये है कि ये नई सीरीज सबकी उम्मीदों पर खरी उतर रही है. इस सीरीज के बारे में सोनल शेओपोरी ने एनडीटीवी से खास बातचीत की. आपको बता दें कि इस सीरीज को आप टीवीएफ के यू ट्यूब चैनल पर देख सकते हैं.
सवाल: सोनल शेओपोरी, एनडीटीवी से बात करने के लिए धन्यवाद. सबसे पहले, आपको गुरी धैर्य की लव स्टोरी के लिए ढेर सारी बधाइयां. इस शो का आइडिया आपको कहां से मिला?
जवाब: गुरी धैर्य की लव स्टोरी का आइडिया दरअसल पहले से ही TVF की टीम के पास था. लेकिन जब मैं इस प्रोजेक्ट से जुड़ी, तो मुझे इस अनोखी लव स्टोरी को गहराई से समझकर इसके उतार-चढ़ाव और चुनौतियों को खुद डेवलप करना पड़ा. हर एपिसोड में एक अलग कहानी है. जो इनके रिश्ते को आगे बढ़ाती है और उनके जटिल भावनात्मक पहलुओं को भी बारीकी से दर्शाती है.
सवाल: जब आपने गुरी धैर्य की लव स्टोरी को लिखा, तो किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा?
जवाब: सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि दर्शक पहले से ही Aspirants शो और गुरी-धैर्य के किरदारों से बहुत जुड़े हुए थे. मुझे यह सुनिश्चित करना था कि मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरूं और ये नई कहानी उन्हें उतना ही पसंद आए, जितना उन्होंने Aspirants को किया था.
सवाल: तेरे बिन लादेन का आइडिया कैसे आया?
जवाब: तेरे बिन लादेन का आइडिया डायरेक्टर अभिषेक शर्मा को आया था. उस समय मैं वॉकवाटर में एक इन-हाउस प्रोड्यूसर थी और यही फिल्म मेरी राइटर जर्नी की पहली सीढ़ी बनी. प्रोड्यूसर पूजा शेट्टी और आरती शेट्टी ने मेरे विचारों और फीडबैक को काफी महत्व दिया और कई जगहों पर स्क्रिप्ट में बदलाव भी किए. मैं उनके प्रति बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे पहला ब्रेक दिया और मेरी राइटर बनने की यात्रा की शुरुआत की. अभी भी मैं उनके साथ दो और बहुत ही दिलचस्प प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही हूं.
सवाल: एक स्क्रीनप्ले राइटर होने के नाते, पिछले साल आपकी नजर में सबसे बेहतरीन फिल्म कौन-सी थी?
जवाब: सच कहूं तो मुझे यह साल काफी उम्मीदों से भरा लग रहा है. Mrs. और Adolescence (Netflix) दोनों बेहद प्रभावशाली पेशकश रहीं. Mrs. की खासियत यह थी कि इसने एक महिला की कहानी को किसी फेमिनिस्ट चश्मे से नहीं, बल्कि ह्यूमन एंगल से दिखाया. इसलिए इसे हर जेंडर के दर्शकों ने सराहा. वहीं Adolescence ने सभी पैरेंट्स को सोशल मीडिया की सच्चाई से रूबरू करवाया. मैं खुद एक छोटे बच्चे की मां हूं, और इस शो को देखकर मेरे मन में कई सवाल उठे कि हम सोशल मीडिया को कितनी हल्के में लेते हैं. दरअसल, इसी विषय पर मैंने एक शो भी लिखा है जो समाज को आइना दिखाता है और पूछता है, "सोशल मीडिया पर सबसे डरावनी चीज वह नहीं है जो आप पोस्ट करते हैं, बल्कि वह है जो चुपचाप आपको देख रहा होता है."
सवाल: आपके अनुसार आजकल बॉलीवुड फिल्मों के असफल होने की सबसे बड़ी वजह क्या है?
जवाब: मेरे हिसाब से इसकी एक ही बड़ी वजह है- फॉर्मूला. जब एक फिल्म हिट हो जाती है, तो उसी तरह की दर्जनों फिल्में बनने लगती हैं. या, फिर पुराने हिट्स का रीमेक बनता है. हालांकि कुछ रीमेक्स अच्छे भी होते हैं. पर, असली समस्या ये है कि हमारे पास ढेरों शानदार कहानियां हैं जो प्रोड्यूसर्स की शेल्फ में धूल खा रही हैं. टैलेंट की कमी बिल्कुल नहीं है, लेकिन जरूरत है कि प्रोड्यूसर्स और प्लेटफॉर्म्स उन कहानियों को मौका दें. तभी असली और नया सिनेमा सामने आएगा.