बॉलीवुड के कई कलाकार ऐसे रहे हैं, जो पर्दे पर अपनी अलग ही तरह की एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं. इस अलग तरह की कलाकारी ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया. लेकिन जैसा कि कहा जाता है कि हर किसी में अपने स्टारडम को संभालना सबसे मुश्किल काम होता है. ऐसे ही बॉलीवुड के एक एक्टर रहे थे जिन्होंने पर्दे पर विलेन से लेकर हीरो तक, सभी तरह के रोल किए और सुपरस्टार कहलाए, लेकिन इस सुपरस्टार ने करियर के पिक पर आकर संन्यास ले लिया. हालांकि फिर लंबे समय बात दोबारा से पर्दे पर वापसी की.
हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड के हैंडसम हंक विनोद खन्ना की. विनोद खन्ना ने मेरा गांव मेरा देश, पूरब-पश्चिम, सच्चा-झूठा, आन मिलो सजना, हेरा फेरी, खून पसीना से लेकर अमर अकबर एंथनी जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में दी थीं. लेकिन 80 का दशक आते-आते विनोद खन्ना सुपरस्टार बन गए थे. एक समय ऐसा था कि विनोद खन्ना फीस में अमिताभ बच्चन को टक्कर देते थे. लेकिन अचानक साल 1982 में अध्यात्म की ओर जाने का फैसला कर लिया. एक्टिंग की दुनिया से संन्यास लेने के बाद वह अमेरिका में आध्यात्मिक गुरु ओशो के शिष्य बन गए थे. आध्यात्मिक की वजह से विनोद खन्ना ने अपनी फैमिली तक को छोड़ दिया था. पत्नी ने उनसे तलाक तक ले लिया था.
विनोद खन्ना ओशो के लंबे समय तक शिष्य रहे, लेकिन कुछ सालों बाद किसी कारणवश अमेरिका में ओशो का आश्रम बंद हो गया, जिसके बाद विनोद खन्ना को मुंबई वापस आना पड़ा. इसके बाद विनोद खन्ना ने साल 1987 में फिल्म इंसाफ से बॉलीवुड में फिर से वापसी की. उन्होंने संन्यास के बाद इंसाफ, दयावान, आखिरी अदालत, बंटवारा, चंदानी, वॉन्टेड, दबंग और दबंग 2 जैसी फिल्मों में काम किया था. विनोद खन्ना का साल 2017 में निधन हो गया था. उनकी पहली शादी कविता खन्ना से और दूसरी शादी गीतांजलि खन्ना से हुई थी. उनके अक्षय खन्ना, राहुल खन्ना, श्रद्धा खन्ना और साक्षी खन्ना नाम के बच्चे हैं. अक्षय और राहुल बॉलीवुड अभिनेता हैं और कई फिल्मों में काम कर चुके हैं.