बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान आज जिस ऊंचाई पर हैं, वहां तक पहुंचने के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और रिस्क लेने की हिम्मत है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है 'बाज़ीगर'. ये वो फिल्म थी जिसमें शाहरुख ने पारंपरिक हीरो की इमेज तोड़ते हुए एक ऐसा किरदार निभाया था, जो ग्रे शेड्स से भरा था. उस वक्त किसी को भरोसा नहीं था कि एक ऐसा हीरो जो अपनी हीरोइन को मार देता है, दर्शकों को पसंद आएगा. लेकिन शाहरुख को अपने काम और कहानी पर पूरा विश्वास था. उन्होंने कहा था- 'ये फिल्म हिट होगी' और हुआ भी वही, फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर झंडे गाड़ दिए.
दलीप ताहिल ने की शाहरुख की तारीफ
बाज़ीगर में अनुभवी एक्टर दलीप ताहिल ने मदन चोपड़ा का किरदार निभाया था. वही बिजनेसमैन पिता, जिसकी बेटी से बदला लेने के लिए शाहरुख का किरदार सब कुछ करता है. इस रोल में दलीप ताहिल ने अपने सधे अभिनय से दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी थी. हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने शाहरुख की जमकर तारीफ की. दलीप ने कहा- 'शाहरुख उस वक्त सुपरस्टार नहीं थे, लेकिन उनका कमिटमेंट और काम करने का तरीका कमाल का था.' वो हर सीन में दिल लगाकर काम करते थे. जब फिल्म बनी तो किसी को उस पर भरोसा नहीं था, लेकिन शाहरुख शुरुआत से कह रहा था- ये फिल्म चलेगी, सुपरहिट होगी. उसकी पॉजिटिविटी देखने लायक थी.
बाज़ीगर बना करियर का टर्निंग पॉइंट
‘बाज़ीगर' के रिलीज के बाद न सिर्फ शाहरुख खान रातोंरात सुपरस्टार बन गए बल्कि दलीप ताहिल का करियर भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचा. फिल्म का हर किरदार, हर डायलॉग आज भी लोगों को याद है- खासकर वो मशहूर लाइन 'हार कर जीतने वाले को बाज़ीगर कहते हैं.' दलीप ताहिल कहते हैं, शाहरुख की सबसे बड़ी खूबी है कि वो कभी हार नहीं मानते. उसी जज़्बे ने उन्हें आज बॉलीवुड का किंग बना दिया है.