73 साल के मिथुन चक्रवर्ती अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए हैं. हर किसी ने उनके जल्द से जल्द ठीक होने की प्रार्थना की. उम्र के इस पड़ाव पर भी लोग उनकी एक्टिंग के कायल हैं और अपने चहेते स्टार को फिर से फिल्मों में देखना चाहता हैं. अपनी पहली ही फिल्म में नेशनल अवॉर्ड जीतकर बॉलीवुड पर अपना कदम जमाने वाले मिथुन चक्रवर्ती करियर ही नहीं पर्सनल लाइफ को लेकर भी अक्सर चर्चा में रहे हैं. फिल्मी गलियारों में तो उनके कई किस्से बेहद मशहूर हैं. एक बार तो उनकी गलती की वजह से ऋषि कपूर मरते-मरते बचे थे. आइए जानते हैं उस दिन आखिर क्या हुआ था और ऋषि कपूर की जान कैसे बची थी.
मिथुन चक्रवर्ती की गलती से मरते-मरते बचे ऋषि कपूर
ये किस्सा साल 1978 का है. जब फिल्म 'फूल खिले हैं गुलशन गुलशन' की शूटिंग चल रही थी. फिल्म के डायरेक्टर सिकंदर खन्ना और मिथुन चक्रवर्ती, ऋषि कपूर, अशोक कुमार, मौसमी चटर्जी, मुकरी, असरानी, हेलेन और रंजीत जैसे कई स्टार्स थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्म का एक सीन शूट करते हुए डायरेक्टर सिकंदर खन्ना ने मिथुन से पूछा, क्या वो कार चलाना जानते हैं, इस सवाल से मिथुन थोड़े डर गए और उन्होंने बिना कुछ सोचे-समझे हां कर दिया. उन्हें लगा इनकार करने से कहीं फिल्म उनके हाथ से न चली जाए.
जा सकती थी ऋषि कपूर की जान
सीन शूट शुरू हुआ तो उसमें मिथुन चक्रवर्ती को तेज रफ्तार में कार चलाकर ऋषि कपूर और मुकरी के पास जाकर ब्रेक लगानी थी, ताकि दोनों जल्दी से कार में बैठ जाएं. इसे सुनकर मिथुन चक्रवर्ती की हालत बिगड़ गई. उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि अपने झूठ पर पर्दा कैसे डाला जाए. आखिरकार उन्होंने स्पीड से कार चलानी शुरू कर दी लेकिन जैसे ही ऋषि कपूर के पास पहुंचे तो ऐसे ब्रेक मारा कि ऋषि कपूर का मुंह गाड़ी के बोनट से तेजी से टकरा गया. उनके मुंह से खून निकलने लगा. तब गनीमत रही कि उन्हें ज्यादा चोट नहीं आई और वो सुरक्षित बच गए.
डायरेक्टर ने सुनाई खरी-खरी
इस घटना के बाद मिथुन चक्रवर्ती काफी डर गए. उन्होंने ऋषि कपूर और डायरेक्टर सिकंदर खन्ना से माफी मांगी और बताया कि उन्हें कार चलाने ही नहीं आती थी. इस पर डायरेक्टर का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती को खूब खरी-खरी सुनाई.