जब अमिताभ बच्चन को पड़ गई थी हर बार जीतने की आदत, दूसरे हीरोज की फिल्में नहीं करते थे बर्दाश्त

उन्हें लगता है कि अमिताभ बच्चन को जीतने की इतनी आदत हो गई थी कि दूसरे हीरोज से उनकी फिल्मों का कमतर होना शायद उन्हें बर्दाश्त नहीं हो रहा था.

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अपनी ही हार से क्या डरने लगे थे अमिताभ बच्चन?
नई दिल्ली:

अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने फिल्म इंडस्ट्री का सबसे सुनहरा दौर देखा है. हद से ज्यादा पॉपुलैरिटी, हद से ज्यादा फैंस का प्यार और हद से कहीं ज्यादा बड़ी कामयाबी. इन सब के वो हकदार भी थे. अपने टैलेंट और अपने प्रोफेशनलिज्म के दम पर उन्होंने खुद को इस तरह गढ़ा था कि वो फैन्स के फेवरेट बन चुके थे. लेकिन जैसे हर सूरज उगता है तो उसका अस्त होना भी तय होता है. उसी तरह एक दौर ऐसा भी आया कि अमिताभ बच्चन की फिल्मों की संख्या कम होती गई. इसकी क्या वजह हो सकती है, इस बारे में सलमान खान के पापा और फिल्म राइटर सलीम खान (Salim Khan) ने एक इंटरव्यू में बात की.

जीतने की हो गई थी आदत

सलीम खान का ये पुराना इंटरव्यू इंस्टाग्राम पर वायरल हो रहा है. लहरें टीवी ने इस इंटरव्यू को शेयर किया है. जिसमें सलीम खान से सवाल होता है कि क्यों अमिताभ बच्चन लेट नाइंटीज में फिल्मों में कम दिख रहे थे. जिसके जवाब में सलीम खान कहते हैं कि वो ठीक से इसकी वजह नहीं बता सकते हैं. क्योंकि वो अमिताभ बच्चन के इतने क्लोज नहीं हैं कि ये बात जान सकें. पर, उन्हें लगता है कि अमिताभ बच्चन को जीतने की इतनी आदत हो गई थी कि दूसरे हीरोज से उनकी फिल्मों का कमतर होना शायद उन्हें बर्दाश्त नहीं हो रहा था.

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कई फिल्मों में किया काम

आपको बता दें सलीम खान ने ऐसी बहुत सी फिल्में लिखी हैं जिसमें अमिताभ बच्चन ने लीड रोल में काम किया और खूब नाम भी कमाया. उस दौर में सलीम खान और जावेद अख्तर की जोड़ी सलीम जावेद के नाम से बहुत हिट थी. जिन्होंने एक साथ दीवार, त्रिशूल, शोले जैसी कई फिल्में लिखीं. इन फिल्मों में अमिताभ बच्चन ही लीड रोल में थे.

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