विवेक ओबेरॉय एक ऐसे स्टार हैं जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में हर तरह का रोल ट्राई किया और वो हर जोनर की फिल्म में फिट भी साबित हुए. मस्ती जैसी मूवी और उस की सिक्वेल कर कर के विवेक ओबरॉय खुद को एक कॉमेडी एक्टर के रूप में साबित कर चुके हैं. कृष मूवी में वो काल बने दिखाई दिए. इस मूवी से उन्होंने साबित किया कि वो एक बाकमाल विलेन भी बन सकते हैं. और, एक्शन मूवी और एग्रेसिव रोल में भी उन का कोई जवाब नहीं है. हुनरमंद सितारा होने के बावजूद फिल्मों में काम मिल पाना उन के लिए आसान नहीं था. पहला ही रोल हासिल करने के लिए उन्हें खूब पापड़ बेलने पड़े थे.
ये थी पहली फिल्म
विवेक ओबरॉय की पहली फिल्म है कंपनी. जिसे डायरेक्ट किया था राम गोपाल वर्मा ने. राम गोपाल वर्मा की दूसरी कई फिल्मों की तरह ये फिल्म भी अंडरवर्ल्ड की कहानी के आसपास ही घूमती है. इस फिल्म में विवेक ओबरॉय चंदू नाम के छोटे मोटे गुंडे के रूप में दिखते हैं. जो धीरे धीरे अपना गैंग बना लेते हैं. पहले वो मलिक नाम के गैंगस्टर के साथ काम करते थे. साल 2002 में आई इस फिल्म में अजय देवगन मलिक के किरदार में हैं. हालात ऐसे बनते हैं कि उनका ही गुर्गा चंदू उन का कॉम्पिटीटर बन जाता है. फिल्म में मनीषा कोइराला, सीमा बिस्वास, मोहनलाल और विजय राज जैसे कलाकार भी मौजूद थे.
ऐसा मिला था रोल
चंदू का ये रोल मिलना विवेक ओबरॉय के लिए बहुत आसान नहीं था. उन्हें राम गोपाल वर्मा ने ये कह कर खारिज कर दिया था कि उनके किरदार के हिसाब से वो बहुत ज्यादा स्मार्ट दिखते हैं. जिस के बाद अपने लुक बदलने के लिए विवेक ओबरॉय ने दिन रात एक कर दिए. वो 15 दिन तक एक स्लम एरिया में रहे और जमीन पर ही से. पंद्रह दिन उन्होंने खूब धूप भी सेंकी ताकि वो टैन नजर आएं. इसके बाद वो सिस पर खूब सारा तेल लगा कर राम गोपाल वर्मा से मिलने पहुंचे. मुलाकात से पहले उन्होंने अपने फेस पर मिट्टी भी मिली थी. तब कहीं जाकर राम गोपाल वर्मा उन्हें चंदू का रोल देने के लिए राजी हुए.