70 का दशक बॉलीवुड के लिए सुनहरा दौर था, जब इंडस्ट्री में सुपरस्टार्स की भरमार थी. अमिताभ बच्चन के साथ-साथ शत्रुघ्न सिन्हा, विनोद खन्ना, सुनील दत्त, राज बब्बर, धर्मेंद्र और जीतेंद्र जैसे सितारों का जादू हर तरफ छाया हुआ था. लेकिन इन सबमें अमिताभ बच्चन ही 'महानायक' बनकर उभरे. उस दौर में बिग बी को टक्कर देना किसी के लिए आसान नहीं था. फिर भी कुछ सितारे उनकी बराबरी करने की कोशिश करते थे. इन सबके बीच एक ऐसे अभिनेता थे, जिन्होंने विलेन के किरदार से शुरुआत की और बाद में सुपरस्टार बन गए. वह अकेले ऐसे शख्स थे, जो अमिताभ के सामने टिक पाते थे. इसीलिए उन्हें 'दूसरा सुपरस्टार' भी कहा जाता था. आइए, जानते हैं इस अभिनेता के बारे में...
विलेन से सुपरस्टार तक का सफर
ये अभिनेता थे विनोद खन्ना. उन्होंने 70 के दशक में विलेन के किरदारों से अपने करियर की शुरुआत की थी. इन नकारात्मक किरदारों में ही उन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया और लंबे समय तक अपनी धमक बनाए रखी. विनोद खन्ना सिर्फ एक्टिंग तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने फिल्म प्रोडक्शन और राजनीति में भी अपनी जगह बनाई. एक समय ऐसा था, जब वह इंडस्ट्री के सबसे महंगे अभिनेताओं में शुमार हो गए थे. उनकी स्टाइल और फैशन के लोग दीवाने थे.
विनोद खन्ना की फिल्में
विनोद खन्ना ने अपने करियर की शुरुआत 1968 में फिल्म 'मन के मीत' से की थी, जिसमें उन्होंने विलेन का किरदार निभाया था. इस फिल्म के बाद उन्हें कई नकारात्मक रोल मिलने लगे. 1971 में आई धर्मेंद्र और आशा पारेख की सुपरहिट फिल्म 'मेरा गांव मेरा देश' में विनोद खन्ना का अभिनय कमाल का था. इस फिल्म ने उस दौर में जबरदस्त सफलता हासिल की थी. धर्मेंद्र जैसे बड़े स्टार के होते हुए भी विनोद खन्ना ने अपनी एक्टिंग से सारी वाहवाही बटोर ली थी.
सबसे ज्यादा फीस लेने वाले सितारे
विनोद खन्ना उस समय निर्माताओं की पहली पसंद बन गए थे. उनका स्टारडम इतना बढ़ गया था कि वह चाहे एक दिन की शूटिंग करें या ज्यादा, 35 लाख रुपए फीस लेते थे. 1976 में रिलीज हुई फिल्म 'हेरा फेरी' में उन्होंने अमिताभ बच्चन से भी ज्यादा फीस ली थी. इस फिल्म के लिए विनोद खन्ना को 2.5 लाख और अमिताभ बच्चन को 1.5 लाख रुपए मिले थे. इसके बाद उन्होंने कई हिट फिल्में दीं. लेकिन जब उनका करियर अपने चरम पर था, तब उन्होंने अचानक फिल्म इंडस्ट्री से ब्रेक ले लिया. बाद में उन्होंने वापसी की, लेकिन वह पहले जैसा मुकाम दोबारा हासिल नहीं कर पाए.