क्राइम थ्रिलर मूवीज देखने का अपना अलग ही मजा है. जब हर सीन के साथ सस्पेंस बढ़ता है और देखने वाला भी एक जासूस की तरह फिल्म में हुए कत्ल की गुत्थी सुलझाने में जुट जाता है. दिलचस्प ये रहता है कि बीच फिल्म में दर्शक खुद ही एक किरदार को असली गुनहगार भी मान लेते हैं. और आखिर तक फिल्म इसी उम्मीद से देखते हैं कि उनकी तलाश सही अपराधी पर जाकर खत्म हुई है. बॉलीवुड में भी कुछ ऐसी उम्दा मर्डर मिस्ट्री मूवीज बनी हैं जिन्हें देखकर टाइम भी पास होता है और जासूसी का शौक भी पूरा होता है. हालांकि कुछ फिल्में ऐसी हैं जो आखिर तक पहुंचते पहुंचते दिमाग हिला कर रख देती हैं. तो चलिए आपको बताते हैं कुछ ऐसी मर्डर मिस्ट्री के बारे में जिन्हें आप फ्री टाइम में इंजॉय कर सकते हैं.
मनोरमा सिक्स फीट अंडर
मिस्ट्री फिल्मों की दुनिया में इस फिल्म को अंडररेटेड कहें तो कुछ गलत नहीं होगा. बेहतरीन एक्टिंग, उम्दा स्टोरी लाइन, हैरान करने वाले सस्पेंस से भरपूर ये मूवी खास लाइमलाइट वसूल नहीं कर पाई. अब तक आपने ये फिल्म न देखी हो तो परत दर परत खुलते राज जानने के लिए इसे जरूर देखें.
ब्योमकेश बक्शी
ब्योमकेश बक्शी को भी इस फेहरिस्त से अलग नहीं किया जा सकता. सुशांत सिंह राजपूत की गिनी चुनी फिल्मों में से ये एक फिल्म जासूसी दुनिया के काल्पनिक कैरेक्टर ब्योमकेश बख्शी पर बनी है. जो कॉलेज की पढ़ाई पूरी होती है एक मर्डर की गुत्थी सुलझाने में उलझ जाता है.
कहानी
विद्या बालन की ये फिल्म आपको आखिर तक बांध कर रखती है और चौंकने पर मजबूर करती है. फिल्म खत्म होने के बहुत देर बाद तक आप विद्या बालन की कहानी से बाहर नहीं आ पाते.
तलाश
आमिर खान सस्पेंस थ्रिलर मूवीज में कम ही दिखे हैं. लेकिन तलाश इस मायने में जबरदस्त मूवी है. जो दृश्य और अदृश्य दुनिया के मेल में उलझ चुकी है. और, ऐसे ही उलझे उलझे सस्पेंस और थ्रिल को आखिर तक बरकरार रखती है.
दृश्यम
मर्डर मिस्ट्री की बात हो तो दृश्यम का नाम खुद ब खुद जेहन में आ जाता है. अजय देवगन और श्रिया सरन की इस मूवी के दोनों पार्ट्स मर्डर मिस्ट्री के शौकीनों के लिए एक शानदार टाइम पास की तरह हैं.
एयरपोर्ट पर स्पॉट : कियारा-कार्तिक, हुमा कुरैशी और वरुण धवन