चाहे वह चेतन, विजय और देव आनंद हों या राज, शम्मी और शशि कपूर, महमूद और मीनू मुमताज, नरगिस और अनवर हुसैन, अनिल, बोनी और संजय कपूर या फिर करिश्मा और करीना कपूर, हिंदी फिल्म उद्योग हमेशा पारिवारिक प्रतिभा से हरा भरा रहा है. आईए रक्षा बंधन पर मिलें ऐसी ही रचनात्मक और प्रतिष्ठित भाई-बहनों की जोड़ियों से जिन्होंने कभी अकेले और कभी एक साथ मिलकर हमें अविस्मरणीय कहानियां उपहार में दी हैं.
अनुष्का शर्मा और कर्णेश शर्मा
अनुष्का शर्मा और उनके भाई कर्णेश शर्मा ने 2013 में एक स्वतंत्र प्रोडक्शन स्टूडियो, 'क्लीन स्लेट फिल्मज़' की स्थापना की और शुरुआत से ही, सामाजिक हिंसा जैसे ज्वलंत मुद्दों को संबोधित करने वाली 'एनएच 10' जैसी फिल्म के साथ अपनी पहचान बनाई. इसके बाद 'फिल्लौरी' नामक फिल्म आई, जो एक अनोखी प्रेम कथा थी, और इसके बाद आयी 'परी', एक हॉरर फिल्म. 'पाताल लोक' नामक श्रृंखला ने धूम मचाई जातिवाद तथा राजनैतिक भ्रष्टाचार इत्यादि जैसे मुद्दों को उठा कर. इस जोड़ी ने नेटफ्लिक्स के लिए 'बुलबुल', 'माई: ए मदर्स रेज' और 'कला ' का भी निर्माण किया है. भले ही अनुष्का ने 2022 में क्लीन स्लेट फिल्मज़ छोड़ दिया, लेकिन वह स्पोर्ट्स बायोपिक 'चकदा 'एक्सप्रेस' में मुख्य स्टार के रूप में नजर आएंगी और क्रिकेटर झूलन गोस्वामी का किरदार निभाएंगी.
आयुष्मान खुराना और अपारशक्ति खुराना
चंडीगढ़ के ये बहु-प्रतिभाशाली लड़के अपने साहस के बूते पर हिंदी फिल्म उद्योग में अपनी जगह बना पाए हैं . आयुष्मान खुराना के सफर की शुरुआत तब हुई जब उन्होंने 2004 में 'एमटीवी रोडीज' का दूसरा सीज़न जीता. फिर वे एक सफल एंकर बने और 2012 में 'विक्की डोनर' से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की. एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और चार फिल्मफेयर पुरस्कारों के बाद, उन्होंने खुद को एक अनोखे कलाकार के रूप में स्थापित किया है जो 'दम लगा के हईशा', 'बरेली की बर्फी', 'शुभ मंगल सावधान', 'बधाई हो', ''अंधाधुंध और 'आर्टिकल 15' जैसी निराली कहानियों को अभिनीत करता है. अपारशक्ति हरियाणा अंडर-19 क्रिकेट टीम के कप्तान थे और फिर रेडियो जॉकी और टेलीविजन होस्ट बन गए. इसके बाद उन्होंने स्पोर्ट्स बायोपिक 'दंगल' (2016) में महावीर फोगट के भतीजे के रूप में अभिनय की शुरुआत की और 'बद्रीनाथ की दुल्हनिया', 'स्त्री' आदि फिल्मों में सहायक भूमिकाओं में नजर आए. हाल ही में उन्होंने अमेज़न प्राइम की सीरीज़ 'जुबली' में बिनोद दास के किरदार से दर्शकों पर जबरदस्त प्रभाव डाला है और साथ ही 2021 की 'हेलमेट' में मुख्य भूमिका निभाई है.
जोया अख्तर और फरहान अख्तर
जहां फरहान अख्तर ने 2001 में 'दिल चाहता है' से निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा, वहीं ज़ोया ने भी अपनी पहली फिल्म 'लक बाय चांस' (2009) से काफी धूम मचाई. कई सितारों द्वारा फिल्म की मुख्य भूमिका ठुकराने के बाद फरहान ने इसमें कदम रखा और उनकी प्रोडक्शन कंपनी एक्सेल एंटरटेनमेंट ने फिल्म का निर्माण भी किया. एक्सेल एंटरटेनमेंट ने जोया की अगली दो फिल्में 'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा' (2011) और 'दिल धड़कने दो' (2015) का निर्माण भी किया और फरहान ने न केवल उनमें अभिनय किया बल्कि उनके संवाद भी लिखे. 'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा' में उन्होंने मस्त मौला इमरान कुरैशी की भूमिका निभाई, और 'दिल धड़कने दो' में उन्होंने संवेदनशील पत्रकार सनी गिल का किरदार निभाया . भले ही ज़ोया की अब 'टाइगर बेबी' नाम की अपनी कंपनी है, फिर भी फरहान की एक्सेल एंटरटेनमेंट ने 'गली बॉय' (2019), और 'मेड इन हेवन' के दो सीज़न जैसी परियोजनाओं में उनका साथ देना जारी रखा है.
आकर्ष खुराना और आधार खुराना
आकर्ष और आधार खुराना एक प्रतिष्ठित, कला समर्पित परिवार से हैं, क्योंकि उनके पिता आकाश खुराना एक प्रसिद्ध अभिनेता, लेखक और थिएटर निर्देशक हैं. आकाश एक्वेरियस प्रोडक्शंस के संस्थापक हैं और आधार भी एक अभिनेता, लेखक और निर्देशक हैं, हालांकि उन्होंने शुरुआत में ग्लासगो में फोरेंसिक विज्ञान का अध्ययन किया था. आधार ने आकाश की 2018 की फिल्म 'कारवां' में सहायक निर्देशक के रूप में भी काम किया और दोनों ने ट्रोइका प्रोडक्शंस की सह-स्थापना की. हाल के दिनों में, आधार ने ज़ी थिएटर की प्रस्तुति 'ये शादी नहीं हो सकती' में अभिनय किया है, जो आकर्ष द्वारा निर्देशित एक मजेदार, पारिवारिक कॉमेडी है और दोनों ने टेलीप्ले, 'धूम्रपान' का सह-निर्देशन भी किया है. आकर्ष ने मंच, ओटीटी , फिल्म निर्माण और 'स्टैंड अप' और 'सम टाइम्स' जैसे टेलीप्ले के साथ अपनी रचनात्मक छाप छोड़ना जारी रखा है और हाल ही में ज़ी थिएटर की सस्पेंस थ्रिलर 'गुनहगार' का निर्देशन भी किया है. वह तापसी पन्नू अभिनीत फिल्म 'रश्मि रॉकेट' के निर्देशन के लिए भी चर्चा में थे.
विक्की कौशल और सनी कौशल
एक्शन निर्देशक श्याम कौशल के बेटे होने के बावजूद विक्की और सनी कौशल को स्टारडम थाली में सजाकर नहीं दिया गया. विक्की ने 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में अनुराग कश्यप का असिस्टेंट बन कर काम किया , 'लव शव ते चिकन खुराना' और 'बॉम्बे वेलवेट' जैसी फिल्मों में छोटी भूमिकाएं निभाईं और फिर नीरज घेवान की 'मसान' में शानदार प्रदर्शन दिया. इसके बाद उन्होंने 'उरी', 'राज़ी ', 'सरदार उधम', 'जरा हटके जरा बचके' जैसी हिट फिल्मों में सफलता बटोरी और अब वे जल्द ही फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ पर आधारित बायोपिक में सैम बहादुर के रूप में नजर आएंगे. सनी ने शुरुआत में द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया में दाखिला लिया लेकिन बाद में उन्होंने अभिनय को चुना. अपने भाई की तरह, उन्होंने भी अपने करियर की शुरुआत कुछ छोटी भूमिकाओं से की और 2014 की 'गुंडे' फिल्म के सहायक निर्देशक भी बने . हाल ही में उन्हें 'गोल्ड', 'शिद्दत' और 'चोर निकल के भागा' जैसे प्रोजेक्ट्स में प्रमुख भूमिकाओं में देखा गया है.