Taali Review: सुष्मिता सेन को देख जरूर बजाएंगे 'ताली', लेकिन डायरेक्शन ने श्रीगौरी सावंत की कहानी को किया कमजोर, पढ़ें रिव्यू

आर्या में एक जिम्मेदार मां और शातिर महिला का किरदार करने के बाद सुष्मिता सेन इस बार एक ट्रांसजेंडर के किरदार में नजर आई हैं. उनकी वेब सीरीज ताली ओटीटी प्लेटफॉर्म जियो सिनेमा पर रिलीज हो चुकी है.

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सुष्मिता सेन को देख जरूर बजाएंगे 'ताली'
नई दिल्ली:

आर्या में एक जिम्मेदार मां और शातिर महिला का किरदार करने के बाद सुष्मिता सेन इस बार एक ट्रांसजेंडर के किरदार में नजर आई हैं. उनकी वेब सीरीज ताली ओटीटी प्लेटफॉर्म जियो सिनेमा पर रिलीज हो चुकी है. यह एक बायोग्रफिकल ड्रामा वेब सीरीज है, जिसमें ट्रांसजेंडर और सोशल एक्टिविस्ट श्रीगौरी सावंत की कहानी को दिखाया गया है. जिसका निर्देशन रवि जाधव ने किया है. श्रीगौरी सावंत का रोल सुष्मिता सेन कर रही हैं. यूं तो ताली एक श्रीगौरी सावंत के पहलुओं को दिखाती हैं, लेकिन साथ में यह भी बताने की कोशिश करती हैं कि एक ट्रांसजेंडर की जिंदगी कैसी होती हैं और किसी तरह के सामाजिक तिरस्कार का सामना करना पड़ा है. 

वेब सीरीज का कहानी

ताली की कहानी श्रीगौरी सावंत के बचपन से शुरू होती है. जिसका जन्म एक पुलिस ऑफिसर के घर में होता है. यह परिवार खुश होता है कि उनके घर में पहला चिराग पैदा हुआ है. जिसका नाम गणेश होता है. फिर जैसे-जैसे गणेश उम्र के पड़ाव में आता रहता है, उसकी रुचि महिला के श्रृंगार से लेकर नाच-गाने की ओर बढ़ती जाती है. वहीं गणेश के पिता उसे वह चीज करने के लिए दबाव बनाते हैं जो सामाजिक तौर पर एक लड़के को करनी चाहिए. एक समय ऐसा आता है कि छोटी उम्र में गणेश की मां दुनिया छोड़ देती है. इसके बाद अकेले पिता गणेश को लड़का बनाने की उम्मीद लिए दवाइयां तक करवाता है. फिर एक समय ऐसा आता है कि गणेश घर छोड़कर चला जाता है.

ट्रांसजेंडर समुदाय की जिंदगी पर रोशनी

धीरे-धीरे गणेश ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए कुछ करने की सोचा है, लेकिन जब यह समुदाय भी उसे पूरी तरह से उनकी तरह बनने के लिए कहता है कि गणेश अपना लिंग परिवर्तन कराने का फैसला किया करता है. लिंग परिवर्तन के बाद गणेश गौरी के नाम से जाना जाने लगता है. फिर पर धीरे-धीरे पढ़ाई करती है और ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण के लिए हर संभव कोशिश करती है. वह भारत की पहली ट्रांसजेंडर बनती है जो अमेरिका जाकर लेक्चर देकर आती है. लेकिन इन सबके बावजूद गौरी को लगता है कि ट्रांसजेंडर के लिए भारत में समानता का अधिकार होना जरूरी है. जिसके बाद वह इस अधिकार के लिए लड़ाई लड़ती है. ताली पूरी तरह से सुष्मिता सेन और श्रीगौरी सावंत की जिंदगी पर केंद्रित है. इस दौरान कुछ ऐसी घटनाएं भी होती हैं जिसमें दिखाया गया है कि ट्रांसजेंडर समुदाय की हमारे समाज में कैसी और कहां जगह है. 

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इस मामले में कमजोर पड़ी ताली

एक्टिंग के मामले में सुष्मिता सेन ने शानदार काम किया है. ताली देखकर कहा जा सकता है कि सुष्मिता सेन के लुक और मेकअप पर अच्छा काम किया है. वहीं एक्ट्रेस ने किरदार को मजबूत बनाने के लिए अपनी आवाज पर बेहतरीन काम किया है. सुष्मिता सेन कई डायलॉग्स को शानदार तरीके से बोलने में भी कामयाब होती हैं, लेकिन वेब सीरीज डायरेक्शन के मामले में काफी कमजोर हो जाती है. रवि जाधव इसको और बेहतर बना सकते थे. इसके अलावा ताली में की कहानी कई जगह पर भटकी लगती है. हालांकि सुष्मिता सेन अपनी एक्टिंग से इसके संभालने में कामयाब होती हैं. फिल्म के अन्य कलाकार अंकुर भाटिया, कृतिका देव और हेमांगी कवि ने अच्छी काम किया है. 

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वेब सीरीज: ताली
रेटिंग: 2.5/5 स्टार
डायरेक्टर: रवि जाधव
लेखक: अर्जुन-कार्तिक
कलाकार: सुष्मिता सेन, अंकुर भाटिया, कृतिका देव, हेमांगी कवि

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