साल 1987 की बात है. ईमानदार फिल्म के गीत 'और इस दिल में क्या रखा है' ने सुनने वालों को झकझोर कर ही रख दिया था. इस गाने को पूरे देश में पसंद किया गया. कोई ऐसी जगह नहीं थी जहां यह सॉन्ग बजता नहीं था. फिल्म का म्यूजिक कल्याणजी-आनंदजी की हिट जोड़ी ने दिया और इसके लिरिक्स प्रकाश मेहरा ने लिखे. इस गाने के मेल और फीमेल दो वर्जन निकले. मेल वर्जन को सुरेश वाडकर ने गाया तो फीमेल वर्जन को आशा भोसले ने अपनी आवाज दी. सुरेश वाडकर के करियर में यह गाना अहम स्थान रखता है क्योंकि इसने उन्हें एक खास पहचान दिलाई.
अब आपको 'और इस दिल में क्या रखा है' के गायक सुरेश वाडकर के बारे में एक खास बात बताते हैं. उनके पिता कपड़ा मिल में काम करते थे. सुरेश को कुश्ती का शौक था. हो भी क्यों न. उनके पिता भी एक पहलवान जो थे. इस तरह सुरेश अखाड़ों में जाते और दंगल लड़ते. जिंदगी यूं गुजर हो रही थी, तभी उन्हें सलाह मिली कि उन्हें प्रभाकर का सर्टिफिकेट कर लेना चाहिए. भविष्य को ध्यान में रखते हुए सुरेश वाडकर ने इस बात को तुरंत मान लिया. प्रभाकर सर्टिफिकेट करने के बाद वह संगीत के टीचर भी बन गए. इस तरह सुरेश वाडकर एक ट्रेंड सिंगर हैं. सुरेश वाडकर ने 1976 में सुर सिंगर मुकाबले में हिस्सा लिया. खुशकिस्मती से वह उसे जीतने में कामयाब रहे. इस तरह बॉलीवुड में उन्हें एंट्री का मौका संगीतकार रवींद्र जैन ने दिया और उन्होंने अपनी खास आवाज से एक अलग ही पहचान बनाई.
फिल्म ईमानदार की बात करें तो इसको बनाने का ख्याल डायरेक्टर सुशील मलिक को 1984 में आया था. पहले फिल्म को अनिल कपूर और सुरेश ओबेरॉय के साथ बनाया जाना था. लेकिन बाद में इरादा बदल दिया गया और फिल्म को संजय दत्त और सुमीत सहगल के साथ बनाया गया.
संजय दत्त ने यह फिल्म उस समय साइन की थी, जब वह अपना इलाज करवाके अमेरिका से भारत लौटे थे. ऐसे में उन्हें एक मजबूत किरदार और फिल्म की जरूरत थी. इस तरह यह फिल्म उनके करियर का अहम पड़ाव रही. ईमानदार को चुनने का उनका फैसला भी सही साबित हुआ किसी ने सोचा नहीं था कि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी की इबारत लिखेगी. फिल्म ने कमाल कर दिया और यह सुपरहिट रही. ईमानदार में संजय दत्त और फराह लीड रोल में नजर आए. लेकिन फिल्म की कामयाबी में इसके गीत 'और इस दिल में क्या रखा है' का अहम योगदान रहा.
Bollywood Gold: Imaandaar का यह सिंगर, पहलवान से यूं बना सुरों का सरताज