1 या 2 हजार नहीं बल्कि सितारे जमीन पर में 10 एक्टर चुनने के लिए हुए इतने हजार ऑडिशन, 11 महीने तक चली मेहनत

Sitaare Zameen Par: 20 जून को रिलीज हो रही है आमिर खान की फिल्म सितारे जमीन पर, जो एक बास्केटबॉल कोच और खास बच्चों की कहानी कहती है. फिल्मों के इतिहास में कई कलाकारों ने दिव्यांग किरदार निभाए हैं

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10 सितारे चुनने के लिए करीब 2500 ऑडिशन देखने पड़े
नई दिल्ली:

Sitaare Zameen Par: 20 जून को रिलीज हो रही है आमिर खान की फिल्म सितारे जमीन पर, जो एक बास्केटबॉल कोच और खास बच्चों की कहानी कहती है. फिल्मों के इतिहास में कई कलाकारों ने दिव्यांग किरदार निभाए हैं, चाहे ‘स्पर्श' में नसीरुद्दीन शाह हों, ‘इक़बाल' में श्रेयस तलपड़े या ‘कोशिश ‘ में संजीव कुमार. लेकिन इस बार आमिर खान और सितारे जमीन पर के निर्देशक आर. एस. प्रसन्ना ने पेशेवर अभिनेताओं की जगह असली खास बच्चों को चुना. ऐसा क्यों? और क्या इसमें कोई मुश्किल आई?

खास बच्चों को क्यों चुना और क्या दिक्कतें आईं?

एनडीटीवी से बातचीत में आर. एस. प्रसन्ना ने बताया, “इन बच्चों में एक अलग ही एनर्जी है, जो शायद अगर हम एक्टर लेते तो उसमें नहीं दिखती.” प्रसन्ना ने बताया कि इन बच्चों को कास्ट करने में उन्हें लगभग 11 महीने लगे. उन्होंने करीब 2500 ऑडिशन देखे, तब जाकर ये 10 सितारे चुने गए.

आमिर खान को ‘टिंगू' क्यों कहा गया फिल्म में?

फिल्म में आमिर खान को ‘टिंगू' कहने वाले डायलॉग पर बात करते हुए प्रसन्ना ने कहा, “आमिर खान में सिम्पैथी और एम्पैथी, दोनों हैं. उनमें यह हिम्मत है कि वो अपने ऊपर टिंगू वाला डायलॉग ले सकें. जब आप फिल्म देखेंगे, तो समझ पाएंगे कि यह डायलॉग क्यों है.” उन्होंने आगे कहा, “आमिर खान वो अभिनेता हैं जो फिल्म को 100 प्रतिशत से ज्यादा देते हैं, और वो हमेशा ऐसे लोगों के साथ काम करना चाहते हैं जो सिनेमा के प्रति जुनूनी हों.”

प्रसन्ना को क्यों था आमिर पर भरोसा?

आर. एस. प्रसन्ना इससे पहले शुभ मंगल सावधान का निर्देशन कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें पूरा विश्वास था कि आमिर इस फिल्म को सिर्फ निर्माता के तौर पर ही नहीं, बल्कि अभिनेता के तौर पर भी हाँ कह देंगे. इसलिए उन्होंने किसी और कलाकार के बारे में सोचा ही नहीं.

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