सिद्धांत चतुर्वेदी: "मैं यहां फिट होने नहीं, बल्कि मार्केट डिसरप्ट करने आया हूं"

सिद्धांत चतुर्वेदी नियमों के मुताबिक नहीं खेलते. ‘धड़क 2’ के साथ, जहां वो तृप्ति डिमरी के साथ नजर आएंगे, एक बार फिर वो एक ऐसी भावनात्मक दुनिया में कदम रख रहे हैं जो अब तक अनछुई रही है

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सिद्धांत चतुर्वेदी: "मैं यहां फिट होने नहीं, बल्कि मार्केट डिसरप्ट करने आया हूं"
नई दिल्ली:

सिद्धांत चतुर्वेदी नियमों के मुताबिक नहीं खेलते. ‘धड़क 2' के साथ, जहां वो तृप्ति डिमरी के साथ नजर आएंगे, एक बार फिर वो एक ऐसी भावनात्मक दुनिया में कदम रख रहे हैं जो अब तक अनछुई रही है और उन्हें इसका कोई पछतावा नहीं. पारंपरिक बॉलीवुड ढांचे से हटकर किरदार चुनने के लिए पहचाने जाने वाले सिद्धांत कहते हैं कि उन्हें कभी खुद को दोहराने में दिलचस्पी नहीं रही. "अगर लोगों को मेरा कोई एक रोल पसंद आया, इसका मतलब ये नहीं कि मैं वही करता रहूं," वो कहते हैं. "असली मजा है खुद को बदलने में, और हर बार खुद को एक नई चुनौती देने में."

एक ऐसी इंडस्ट्री में जहां अभिनेता अक्सर अपनी एक इमेज के इर्द-गिर्द 'मार्केट' बनाते हैं, सिद्धांत साफ कर देते हैं कि वो पैटर्न्स तोड़ने आए हैं., "मैं यहां मार्केट बनाए रखने नहीं, उसे हिलाने आया हूं," वो कहते हैं. "मैं अलग-अलग उम्र के लोगों, अलग-अलग इलाकों और सोच रखने वाले दर्शकों से जुड़ना चाहता हूं. तभी मैं सिर्फ एक अभिनेता नहीं, एक इंसान के तौर पर भी आगे बढ़ता हूं." 

शाज़िया इक़बाल द्वारा निर्देशित धड़क 2 एक ऐसी कहानी है जो प्यार और बगावत की जड़ों से जुड़ी है, समाज में गहराई तक फैली असमानताओं को छूती है. और सिद्धांत, अपनी कच्ची स्क्रीन प्रेजेंस और गहरी भावनात्मक पकड़ के साथ, इस प्रेम कहानी में एक नई तीव्रता लाने को तैयार हैं. चाहे वो गली बॉय हो, गहराइयाँ या अब धड़क 2 सिद्धांत बार-बार साबित कर रहे हैं कि वो सुकून के पीछे नहीं, बल्कि विकास के पीछे भागते हैं. और हर नए किरदार के साथ, वो धीरे-धीरे लेकिन मजबूती से परिभाषित कर रहे हैं कि आज के दौर में एक लीडिंग मैन क्या हो सकता है.

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