Sholay Posters: ये हैं शोले के 6 अनदेखे पोस्टर, आखिरी वाले में दिखेगी बसंती और वीरू की प्रेम कहानी

'शोले' (1975) भारतीय सिनेमा की एक ऐतिहासिक फिल्म है, जिसे रमेश सिप्पी ने निर्देशित किया और सलीम-जावेद ने लिखा.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
Sholay Posters: ये हैं शोले के 6 अनदेखे पोस्टर,
नई दिल्ली:

'शोले' (1975) भारतीय सिनेमा की एक ऐतिहासिक फिल्म है, जिसे रमेश सिप्पी ने निर्देशित किया और सलीम-जावेद ने लिखा. यह एक मल्टी-स्टारर एक्शन-ड्रामा है, जो दोस्ती, बलिदान और बदले की कहानी को बखूबी पेश करती है. फिल्म की कहानी जय (अमिताभ बच्चन) और वीरू (धर्मेंद्र), दो छोटे-मोटे अपराधियों के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्हें ठाकुर बलदेव सिंह (संजीव कुमार) डाकू गब्बर सिंह (अमजद खान) को पकड़ने की जिम्मेदारी देता है. इस फिल्म की पूरी कहानी में काफी रोमांच देखने को मिलता है, जो किसी बेहतरीन सिनेमा से कम नहीं है. 

सलीम-जावेद की जोड़ी ने 'शोले' को एक ऐसी कहानी दी, जो वेस्टर्न और भारतीय मसाला सिनेमा का अनूठा मिश्रण है. संवाद जैसे "बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना" और "कितने आदमी थे?" आज भी लोकप्रिय हैं.

अमिताभ और धर्मेंद्र की जोड़ी ने जय-वीरू की दोस्ती को अमर कर दिया. अमजद खान का गब्बर एक खलनायक के रूप में अविस्मरणीय है, जबकि हेमा मालिनी (बसंती) और जया बच्चन (राधा) ने भावनात्मक गहराई दी.

आर.डी. बर्मन का संगीत, जैसे "ये दोस्ती" और "होली के दिन," कहानी को और जीवंत बनाता है. फिल्म का सिनेमेटोग्राफी, खासकर रामनगर की पृष्ठभूमि, और एक्शन सीन आज भी बेमिसाल हैं.

'शोले' ने भारतीय सिनेमा में 'मसाला' शैली को नया आयाम दिया. यह पहली भारतीय फिल्म थी, जिसने 15 साल तक मुंबई के मिनर्वा थिएटर में लगातार प्रदर्शन किया.

फिल्म ने कई पुरस्कार जीते और इसे बीबीसी ने "सर्वश्रेष्ठ भारतीय फिल्म" का दर्जा दिया.'शोले' हिंदी सिनेमा की वो फिल्म है जो सिनेप्रेमी आज भी खूब पसंद करते हैं. इस फिल्म ने सिनेमाघरों में शानदार कमाई की थी. 

Featured Video Of The Day
Syed Suhail | Bharat Ki Baat Batata Hoon | Sydney Attack: हमलावरों का क्या है भारत कनेक्शन? समझें
Topics mentioned in this article