बॉलीवुड की क्लासिक ‘शोले' ने हाल ही में 50 साल पूरे किए हैं. इस फिल्म ने न सिर्फ दर्शकों के दिलों पर राज किया, बल्कि भारतीय सिनेमा को एक नया आयाम दिया. लेकिन इसकी सफलता के पीछे एक ऐसी कहानी है जो सादगी और समर्पण की मिसाल पेश करती है. फिल्म में रहीम चाचा (इमाम साहब) का किरदार निभाने वाले एक्टर बेशक फिल्म में थोड़ी देर के लिए नजर आए, लेकिन सिनेमा के इतिहास में अमर हो गए. शोले के सितारों की फीस की बात करें तो इमाम साहब की फीस बाकी सितारों की तुलना में कम थी. यह कहना भी गलत नहीं होगा कि वे शोले के ऐेसे एक्टर थे जिसकी फीस सबसे कम थी.
शोले का सबसे सस्ता एक्टर
‘शोले' के ये इमाम साबह कोई और नहीं ए.के. हंगल थे. बताया जाता है कि उन्हें इस रोल के लिए फीस के तौर पर आठ हजार रुपये मिले थे. ‘शोले' 1975 में रिलीज हुई थी, जिसका निर्देशन रमेश सिप्पी ने किया. फिल्म का बजट लगभग 3 करोड़ रुपये था, और इसमें धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, असरानी, जया बच्चन, संजीव कुमार जैसे सितारे थे.
धर्मेंद्र ने वीरू के रोल के लिए सबसे ज्यादा 1.50 लाख रुपये लिए, जबकि संजीव कुमार को ठाकुर के रोल के लिए 1.25 लाख रुपये मिले. अमिताभ को जय के लिए 1 लाख रुपये, हेमा मालिनी को बसंती के लिए 75,000 रुपये और जया बच्चन को राधा के लिए 35,000 रुपये मिले. अमजद खान ने गब्बर सिंह के रोल के लिए लिए 50,000 रुपये लिए. लेकिन छोटे-मोटे रोल्स में भी चमक बिखेरने वाले कलाकारों में ए.के. हंगल का नाम सबसे अलग है. उन्होंने इमाम साहब के लिए महज 8,000 रुपये लिए.
शोले के इमाम साहब
ए.के. हंगल का पूरा नाम अवतार किशन हंगल था. उनका जन्म 1914 में हुआ था. वे स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही रहे और 1947 तक सक्रिय थे. फिल्मों में उनका प्रवेश देर से हुआ. 52 साल की उम्र में उनकी पहली फिल्म 1966 की ‘तीसरी कसम' थी. जिसमें उन्होंने राज कपूर के बड़े भाई का किरदा निभया था. लेकिन ‘शोले' ने उन्हें घर-घर पहचान दी. ए.के. हंगल ने 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया, जिनमें ‘शौकीन', 'मंजिल', ‘नमक हराम', ‘शौकीन' जैसी फिल्में शामिल हैं. 2012 में 98 साल की उम्र में उनका निधन हो गया.