बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान ने शनिवार को ग्लोबल पीस ऑनर्स इवेंट 2025 में 26/11, पहलगाम टेररिस्ट अटैक और दिल्ली ब्लास्ट के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी. ग्लोबल पीस ऑनर्स इवेंट में 26/11 के पीड़ितों के परिवार, पहलगाम अटैक में बचे लोग, नेशनल लीडर, जाने-माने लोग और कलाकार भारत के सबसे बहादुर लोगों को दिल से श्रद्धांजलि देने के लिए एक साथ आए. शाहरुख खान ने देश के सैनिकों और जवानों को श्रद्धांजलि दी और उनके गर्व, हिम्मत और वैल्यूज पर जोर दिया.
बेगुनाह लोगों को शाहरुख खान ने दी श्रद्धांजलि
शाहरुख खान ने कहा, "26/11, पहलगाम आतंकी हमला, हाल ही में हुए दिल्ली ब्लास्ट में अपने प्राणों की आहूति देने वाले बेगुनाह लोगों को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि. और इन हमलों में शहादत पाने वाले हमारे वीर सुरक्षाकर्मियों को मेरा सादर नमन. आज देश के जवानों के लिए मुझे कहा गया है ये चार लाइनें कहने के लिए जो बहुत ही खूबसूरत है. तो ध्यान से सुनिएगा प्लीज.
शाहरुख खान का सुरक्षाकर्मियों को सलाम
आगे वह कहते हैं, जब कोई पूछे तुमसे कि क्या करते हो. तो सीना ठोक कर कहना मैं देश की रक्षा करता हूं. पूछे अगर कोई कितना कमा लेते हो तो हल्के से मुस्कुराकर कहना 140 करोड़ लोगों की दुआएं कमा लेता हूं. अगर मुड़कर फिर भी पूछे तुमसे कि कभी डर नहीं लगता? तो आंख से आंख मिलाकर कहना जो हमला हम पर करते हैं डर उनको लगता है. आज ग्लोबल पीस के मौके पर मैं पूरे देश की तरफ से शहीदों के परिवारों को सलाम करता हूं. उन माओं को सलाम करना चाहता हूं जिनकी कोख ने इन बहादुर बेटों को जन्म दिया. उनके पिताजी के उस जज्बे को सलाम करना चाहता हूं. उनके पार्टनर्स के हौसलें को सलाम करना चाहता हूं क्योंकि जंग में वो थे. लेकिन लड़ाई आपने भी लड़ी. वो भी बेहद हिम्मत और जाबांजी के साथ. आप सबको मेरा दिल से सलाम.
शाहरुख खान ने शांति पर कही ये बात
शाहरुख खान ने आगे कहते हैं, इस देश के बारे में हमेशा कहा जाता है कि भारत कभी झुकता नहीं. हमें कोई रोक नहीं पाया है. हरा नहीं पाया है. हमारे अमन को हमसे छीन नहीं पाया है. क्योंकि जब तक इस देश के हीरोज मेन इन यूनिफॉर्म तब तक हमारे देश से शांति और अमन को दूर करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. पीस (शांति) एक खूबसूरत चीज है सारी दुनिया इसी को खोजती है. इसी को पाने की कोशिश में लगी रहती है. सारे बड़े बड़े लोग, जिसे खोजते हैं. उसे पाना चाहते हैं. शांति से खूबसूरत कुछ नहीं क्योंकि शांति से ही विचार जागते हैं. सोच जागती है. शांति ही सही मायनों में क्रांति है. एक बेहतर दुनिया के लिए. तो चलिए सब मिलकर शांति की ओर कदम बढ़ाए.