शाहरुख खान जहां भी जाते हैं लोगों का ध्यान खींच ही लेते हैं. हाल ही में उन्हें लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में पार्डो अला कैरियरा असकोना-लोकार्नो पर्यटन पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो प्राप्त करने वाले वह पहले भारतीय हैं. इस प्रतिष्ठित फिल्म फेस्टिवल के 77वें संस्करण में स्पीच के दौरान, किंग खान ने अवॉर्ड का नाम बोलने में संघर्ष करते हुए अपने ह्यूमर से फिर फैंस का ध्यान खींचा और दिल जीत लिया. मजाकिया अंदाज में, किंग खान ने कहा, "यह पुरस्कार, जिसे मैं जीवन भर कोशिश करता रहा हूं... मैं उच्चारण नहीं कर सकता." फिर उन्होंने पुरस्कार का नाम बदल दिया - "विनम्रता, दयालुता और अच्छाई के इतिहास में दुनिया में सबसे शानदार होने के लिए तेंदुआ पुरस्कार".
अपने भाषण के अंत में भी, शाहरुख खान ने एक बार फिर पुरस्कार के नाम को बोलने की कोशिश की लेकिन वह फिर संघर्ष करते हुए नजर आए. इस बार उन्होंने हंसते हुए कहा, "क्या आप कोई छोटा नाम रख सकते हैं? जैसे, 'अरिवेडेरसी.'"
मंच पर शाहरुख खान ने साढ़े तीन दशक से अधिक के करियर में अपनी भूमिकाओं के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, "मैं खलनायक रहा हूं, मैं चैंपियन रहा हूं, मैं सुपरहीरो रहा हूं, मैं ज़ीरो रहा हूं, मैं एक रिजेक्टेड फैन रहा हूं और मैं एक प्रेमी रहा हूं. प्यार के बिना कोई रचनात्मकता नहीं है, जो एक ऐसी भाषा है, जो सभी भाषाओं से परे है और जिसे दुनिया भर में हर कोई समझता है. इसलिए मेरे लिए रचनात्मकता, प्यार और खुशी देना एक ही बात है."
लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल के निदेशक, जियोना ए. नाज़ारो ने बताया कि शाहरुख खान को इस सम्मान के लिए क्यों चुना गया. उन्होंने कहा, "हम शाहरुख खान को इसलिए पुरस्कार देना चाहते थे क्योंकि वह एक महान कलाकार हैं. वह अपने अद्भुत कार्य नैतिकता और अनुशासन के माध्यम से इतने सारे लोगों के सपनों और उम्मीदों को आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने हममें से बहुत से लोगों के सपनों को साकार किया है."