गुलाम नबी आजाद को सच्चा दोस्त बताकर भावुक हुए पीएम मोदी, तो रितेश देशमुख बोले- इनके भाषण से मैं...

पीएम मोदी (PM Narendra Modi), गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) से जुड़ा एक पुराना वाक्या याद कर भावुक हो गए. इसे लेकर बॉलीवुड के मशहूर एक्टर रितेश देशमुख (Riteish Deshmukh) ने ट्वीट किया है.

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पीएम मोदी (PM Modi) के भाषण को लेकर रितेश देशमुख (Riteish Deshmukh) ने किया ट्वीट
नई दिल्‍ली:

राज्यसभा (Rajyasabha) में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) का कार्यकाल खत्म हो रहा है, इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने छोटा सा भाषण दिया. पीएम मोदी गुलाम नबी आजाद से जुड़ा एक पुराना वाक्या याद कर भावुक भी हो गए. इसे लेकर बॉलीवुड के मशहूर एक्टर रितेश देशमुख (Riteish Deshmukh) ने ट्वीट किया है. रितेश देशमुख ने पीएम मोदी के भावुक होने पर रिएक्शन देते हुए लिखा कि गुलाम नबी आजाद साहब की विदाई पर पीएम नरेंद्र के भाषण से बहुत प्रभावित हुआ. रितेश देशमुख का पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर किया गया ट्वीट खूब वायरल हो रहा है, साथ ही सोशल मीडिया यूजर इसपर जमकर कमेंट भी कर रहे हैं. 

रितेश देशमुख (Riteish Deshmukh) ने अपने ट्वीट में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के भावुक होने पर ट्वीट करते हुए लिखा, "गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) साहब की राज्यसभा में विदाई पर पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण से मैं बहुत ही प्रभावित हुआ." बता दें कि पीएम मोदी ने गुलाम नबी आजाद के बारे में बात करते हुए कहा कि गुलाम नबी जी जब मुख्यमंत्री थे, तो मैं भी एक राज्य का मुख्यमंत्री था. हमारी बहुत गहरी निकटता रही. एक बार गुजरात के कुछ यात्रियों पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया, 8 लोग उसमें मारे गए. सबसे पहले गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया. उनके आंसू रुक नहीं रहे थे. उस समय प्रणव मुखर्जी जी रक्षा मंत्री थे. मैंने उनसे कहा कि अगर मृतक शरीरों को लाने के लिए सेना का हवाई जहाज मिल जाए तो उन्होंने कहा कि चिंता मत करिए, मैं करता हूं व्यवस्था.

गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के बारे में बात करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा, "गुलाम नबी जी उस रात को एयरपोर्ट पर थे. उन्होंने मुझे फोन किया और जैसे अपने परिवार के सदस्य की चिंता करते हैं, वैसी चिंता वो कर रहे थे. सत्ता जीवन में आते रहती है लेकिन उसे कैसे पचाना ये कोई गुलाम जी से सीखे. मेरे लिए वो बड़ा भावुक पल था. दूसरे दिन सुबह फोन आया. मोदी जी सब पहुंच गए. इसलिए एक मित्र के रूप में गुलाम नबी जी का घटना और अनुभव के आधार पर मैं आदर करता हूं. मुझे पूरा विश्वास है कि उनकी सौम्यता, नम्रता, देश के लिए कुछ कर गुजरने की कामना उन्हें चैन से बैठने नहीं देगी. देश उनके अनुभव से लाभान्वित होगा." 
 

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