बॉलीवुड अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने अभिनेता अली फजल के साथ मिलकर फिल्म इंडस्ट्री में कैमरामैन के साथ काम करने वाली महिलाओं (गफ्फार) के लिए नहीं पहल शुरू की है. अभिनेत्री ने महिला निर्देशक शुचि तलाती के साथ मिलकर 'अंडरकरेंट लैब' प्रोग्राम शुरू किया है. इस इन्क्यूबेशन लैब शुरू करने का मकसद हिंदी फिल्मों में ज्यादा से ज्यादा महिला गफ्फारों को पेश करने करना है. ऋचा चड्ढा और शुचि तलाती ने यह प्रोग्राम टेलीविजन एसोसिएशन, भारत (डब्ल्यूआईएफटी) और लाइट एन लाइट की साझेदारी के साथ शुरू की है.
अपने पहले वर्ष में 'अंडरकरेंट लैब' सिनेमा के लिए लाइटिंग का काम करने वाली दस महिलाओं (कठोर साक्षात्कार प्रक्रिया के बाद चयनित) को ट्रेनिंग देने पर ध्यान केंद्रित करेगी. यह अपनी तरह की पहली, व्यावहारिक कार्यशाला के साथ शुरू होगा, जहां चयनित महिलाएं फिल्म इंडस्ट्री की ट्रेंड गफ्फारों और एक सिनेमेटोग्राफर से ट्रेनिंग सीखेंगे.
सप्ताह भर के क्रैश कोर्स के बाद महिलाओं को फिल्म के सेट पर ट्रेनिंग के रूप में काम करने के लिए मैदान में भेजा जाएगा. दस में से दो लड़कियों को ऋचा चड्ढा और अली फजल के पहले प्रोडक्शन हाउस 'गर्ल्स विल बी गर्ल्स' पर लगभग सभी महिला क्रू में रखा जाएगा, जिसकी शूटिंग इस साल अक्टूबर से होगी.
'अंडरकरेंट लैब' पर बात करते हुए ऋचा चड्ढा कहती हैं, 'जब हमने एक पूरी महिला टीम बनाई, तो हमने पाया कि हिंदी फिल्मों में लाइटिंग डिपार्टमेंट में काम करने वाली लगभग कोई महिला नहीं है, इसलिए हमारी सहयोगी तान्या नेगी इस आडिया के साथ आईं. हम महिलाओं के लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य कैमरे के पीछे महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना है. मुझे उम्मीद है कि इस पहल से इस इंडस्ट्री में काम करने के तरीके में बहुत बड़ा बदलाव आएगा.