राजेश खन्ना, भारतीय सिनेमा के पहले सुपरस्टार, भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी शानदार फिल्में आज भी उन्हें जिंदा रखती हैं. 60 और 70 के दशक में 'काका' ने दर्शकों के दिलों पर राज किया. हैरानी की बात है कि 1969 से 1971 के बीच, सिर्फ दो सालों में, उन्होंने 17 सुपरहिट फिल्में दीं. इनमें से एक ऐसी फिल्म थी जिसमें राजेश खन्ना ने हीरो और विलेन, दोनों का किरदार निभाया. 1970 में रिलीज हुई इस फिल्म में मशहूर और आकर्षक अभिनेता विनोद खन्ना ने सहायक भूमिका निभाई, जबकि मुमताज मुख्य अभिनेत्री थीं. उस समय इस फिल्म का बजट 1.20 करोड़ बजट था और बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ने 5.05 करोड़ का कलेक्शन किया था.
कौन सी है ये फिल्म?
ये फिल्म है सच्चा-झूठा, जिसके गाने आज भी लोगों की जुबान पर हैं. इस फिल्म में राजेश खन्ना ने डबल रोल निभाया, लेकिन दोनों किरदार भाई नहीं थे. कहानी दो ऐसे लोगों की है जो बिल्कुल एक जैसे दिखते हैं. एक किरदार, भोला, सीधा-सादा और गांव का रहने वाला है, जो गाना गाकर अपनी जीविका चलाता है. उसकी एक दिव्यांग बहन भी है, जिसकी शादी के लिए उसे पैसे चाहिए होते हैं. इसके लिए वह मुंबई आता है और गायकी शुरू करता है. दूसरा किरदार, रंजीत, एक चालाक चोर है जो मुंबई में बड़ी-बड़ी चोरियां करता है.
कैसे पता चला कौन सच्चा, कौन झूठा?
फिल्म में विनोद खन्ना एक पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका में हैं, जो चोर रंजीत को पकड़ने की कोशिश करता है. इसके लिए वह रीटा (मुमताज) की मदद लेता है. रंजीत, भोला को अपने जाल में फंसाता है और उसकी बहन की शादी के लिए पैसे का लालच देकर उससे चोरी करवाने की योजना बनाता है. लेकिन भोला इसका हिस्सा बनने से इनकार कर देता है. दूसरी ओर, रीटा रंजीत के खिलाफ सबूत जुटा लेती है. पुलिस दोनों को पकड़ लेती है. यह जानने के लिए कि कौन सच्चा है और कौन झूठा, भोला की बहन दोनों से एक गाना गाने को कहती है. दोनों अच्छा गाते हैं, लेकिन भोला की पहचान उसके कुत्ते से हो जाती है. आखिरकार, पुलिस रंजीत को गिरफ्तार कर लेती है. इस फिल्म में विनोद खन्ना का सहायक किरदार भी काफी पसंद किया गया था.