राजेश खन्ना हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार रहे हैं. ऐसे सुपरस्टार जिनके फैन्स की दीवानगी देखते ही बनती थी. लड़कियां तो उन पर जान छिड़कती थीं. राजेश खन्ना के नाम अनोखा रिकॉर्ड भी दर्ज है. उन्होंने 1969 में आराधना से लेकर 1971 की हाथी मेरे साथी तक बैक टू बैक 17 हिट फिल्में दी थीं. इन्हीं हिट फिल्मों में एक थी 'दो रास्ते'. दो रास्ते फिल्म को राज खोसला ने डायरेक्ट किया था जबकि फिल्म में राजेश खन्ना, मुमताज, बलराज साहनी, कामिनी कौशल, प्रेम चोपड़ा और बिंदु लीड रोल में थे.
न सिर्फ 'दो रास्ते' की कहानी को बेहद पसंद किया गया बल्कि इसके गाने तो सुपर-डुपरहिट रहे. फिल्म का गाना 'बिंदिया चमेकगी' तो ऐसा गाना बना जो आज भी खास मौकों पर सुनाई दे जाता है. इस गाने का संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने दिया जबकि इसे गाया लता मंगेशकर ने है. इस गाने के लिरिक्स आनंद बख्शी ने लिखे. इस गाने में राजेश खन्ना और मुमताज की केमेस्ट्री को खूब पसंद किया गया. जितने मजेदार गाने के बोल हैं, उतने ही शानदार कलाकारों के एक्सप्रेशंस हैं.
ये फिल्म मुमताज और बिंदु के करियर के लिए अहम पड़ाव रहीं. इस फिल्म से पहले तक मुमताज जहां फिल्म सेकंड लीड में आती थीं या फिर बी ग्रेड फिल्में कर रही थीं, वहीं राजेश खन्ना के साथ उनकी इस फिल्म ने उनके करियर की दिशा ही बदल डाली. इसके बाद वह मुख्यधारा की फिल्मों में आ गईं और फिर पीछे मुड़कर देखने को जरूरत नहीं पड़ी. वहीं बिंदु इस फिल्म से पहले तक कुछ रोल कर चुकी थीं, लेकिन वह यादगार नहीं रहे थे. लेकिन इस फिल्म ने उन्हें बतौर वैम्प भी हिंदी सिनेमा में स्थापित कर दिया. इस तरह यह फिल्म दोनों के लिए काफी अहम रही.
दिलचस्प यह कि दो रास्ते को 18वें फिल्मफेयर पुरस्कार में कई नॉमिनेशन मिले, लेकिन चंद्रकांत काकोडकर बेस्ट स्टोरी के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीतने में कामयाब रहे. 'बिंदिया चमकेगी' गाने के लिए आनंद बख्शी बेस्ट लिरिसिस्ट और लता मंगेशकर बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर के लिए नॉमिनेट हुए थे जबकि म्यूजिक डायरेक्टर लक्ष्मीकांत प्यारेलाल भी बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर के लिए नॉमिनेट हुए. लेकिन इन्हें कोई पुरस्कार नहीं मिल सका.