बेटे की खातिर अपनी ही फिल्म में इस एक्टर ने नहीं की एक्टिंग, कभी देता था देवानंद और राजेश खन्ना तक को टक्कर 

इस नाम से आप समझ ही गए होंगे कि हम किस स्टार की बात कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं गुजरे दौर के हरदिल अजीज स्टार राजेंद्र कुमार की. जिनकी अधिकांश फिल्मों ने सिनेमा घरों में सिल्वर जुबली मनाई इसलिए उन्हें जुबली कुमार कहा जाने लगा.

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बेटे की खातिर अपनी ही फिल्म में इस एक्टर ने नहीं की एक्टिंग
नई दिल्ली:

फिल्म इंडस्ट्री में बहुत से स्टार आए और गए. कुछ सितारे सुपर सितारा की हैसियत तक भी पहुंचे. लेकिन स्टार्स की इस भीड़ के बीच सिर्फ एक ही एक्टर ऐसा रहा, जिसे जुबली कुमार के नाम से याद किया जाता है. इस नाम से आप समझ ही गए होंगे कि हम किस स्टार की बात कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं गुजरे दौर के हर दिल के अजीज स्टार राजेंद्र कुमार की. जिनकी अधिकांश फिल्मों ने सिनेमाघरों में सिल्वर जुबली मनाई इसलिए उन्हें जुबली कुमार कहा जाने लगा. अपनी इसी पॉपुलैरिटी की वजह से राजेंद्र कुमार देवानंद और राजेश खन्ना जैसे सितारों को भी टक्कर देते थे. राजेंद्र कुमार अपनी बनाई हुई हर फिल्म में नजर आते थे. लेकिन  एक फिल्म ऐसी भी है जिसे राजेंद्र कुमार ने प्रोड्यूस को तो किया पर अपने बेटे की वजह से उस फिल्म का हिस्सा नहीं बन सके. 

बेटे को किया लॉन्च

राजेंद्र कुमार ने अपने बेटे कुमार गौरव को शौहरत की बुलंदियों पर पहुंचाने की हर संभव कोशिश की. साल 1981 में लव स्टोरी नाम की फिल्म बनाई. जिससे कुमार गौरव लॉन्च हुए. इस फिल्म की स्टोरी और गानों ने जबरदस्त कामयाबी हासिल की. और, कुमार गौरव  रातों रात युवा दिलों के चहेते बन गए. लव स्टोरी में उनके अपोजिट विजेयता पंडित नजर आईं थीं. इसके बाद कुमार गौरव तेरी कसम, स्टार, लवर्स, हम हैं लाजवाब, ऑल राउंडर, एक से भले दो जैसी कुछ फिल्मों में भी दिखे. लेकिन फिल्म उतनी नहीं चली जितनी जुबली कुमार के बेटे की फिल्मों से उम्मीद की जानी चाहिए थी.

इस फिल्म में नहीं आए नजर

अपने बेटे के ढलते हुए करियर को वापस ऊपर उठाने के लिए राजेंद्र कुमार ने एक और फिल्म का निर्माण किया. साल 1986 में आई ये फिल्म है नाम. ये राजेंद्र कुमार की प्रोड्यूस की हुई इकलौती ऐसी फिल्म है जिसमें वो खुद नजर नहीं आए. उसकी वजह है कि फिल्म में उनके लायक कोई ठीक ठाक रोल था ही नहीं. नाम मूवी में कुमार गौरव के साथ साथ संजय दत्त भी थे. फिल्म बनाई इसलिए गई थी ताकि कुमार गौरव के करियर को नई उड़ान मिले. लेकिन उनसे ज्यादा फायदा संजय दत्त के करियर को मिला. हालांकि फिल्म काफी सक्सेसफुल रही थी. 

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