ओटीटी की दुनिया में क्राइम की लगतार नई-नई कहानियां आ रही हैं. नई सदी के पहले दशक में कर्नाटक में साइनाइड किलर के नाम से मशहूर एक सीरियल किलर की कहानी भी दर्शक जल्द ही ओटीटी पर देखेंग. महिलाओं का उनके धन और जेवरातों के लिए कत्ल करने वाले इस सीरियल किलर को स्क्रीन को पकड़ने का जिम्मा उठा रहे हैं. जम्मू-कश्मीर के एक छोटे से गांव डोडा भालेसा के अभिनेता और लेखक राजा सरफराज (Raja Sarfaraz). ‘साइनाइड मोहन' नाम से बन रही फिल्म में अहम भूमिका मिलने से उत्साहित राजा सरफराज ने बताया कि यह उनके करिअर का अहम मोड़ साबित हो सकता है. फिल्म में वह स्पेशल इन्वेस्टिगेटिंग पुलिस अधिकारी का रोल कर रहे हैं. जिसे इस अपराधी को पकड़ने में लगी पुलिस टीम की खास तौर पर मदद करने का काम दिया जाता है. साइनाइड मोहन में चर्चित अभिनेता शारिब हाशमी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं. जबकि राहत काजमी फिल्म के निर्देशक हैं.
उल्लेखनीय है कि एक प्राइमरी स्कूल में फिजिकल ट्रेनिंग के टीचर रहे मोहन कुमार उर्फ साइनाइड किलर ने 2005 से 2009 के बीच करीब बीस महिलाओं की हत्या की थी. वह ऐसी युवतियों और महिलाओं को शिकार बनाता था, जिनके माता-पिता दहेज नहीं जुटा पाते थे. तब वह उनसे विवाह करने की इच्छा व्यक्त करता और शादी करके उनके पास जो भी गहने-पैसा होता, वह लेकर भाग जाता. मगर इससे पहले वह अपनी हर दुल्हन को गर्भनिरोधक गोली बताते हुए साइनाइड खिला देता. पकड़े जाने के बाद 2013 में उसे अदालत ने फांसी की सजा सुनाई. राजा सरफराज ने बताया कि फिल्म में उनकी भूमिका बहुत अहम है. उन्हें इस फिल्म से बहुत उम्मीदें हैं. राजा को विश्वास है कि यह फिल्म न केवल उनके करिअर में बल्कि जम्मू-कश्मीर के उन युवाओं के लिए भी रास्ते खोलेगी, जो हिंदी फिल्मों में जगह बनाना चाहते हैं. राजा सरफराज अब तक हिंदी सिनेमा में छह से अधिक वेब सीरीजों का निर्माण कर चुके हैं. फिल्म 'ये मेरी कहानी है दामिनी' और कई म्यूजिक वीडियो भी उन्होंने किये हैं. उनकी पुस्तक 'टिअर ऑफ कश्मीर' काफी चर्चित रही है. किताब में उनका प्रकृति प्रेम और कश्मीर पर बहुत सारी अनोखी जानकारियां दर्ज हैं. सरफराज कहते हैं कि उनकी इच्छा है, घाटी में शांति और समृद्धि लौटे.
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले दिन जम्मू-कश्मीर में फिल्मों के लिए भी बढ़िया होंगे. उन्होंने बताया कि हाल ही में उप राज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा एक फिल्म नीति लाई गई है, जो स्थानीय अभिनेताओं के लिए उम्मीद की किरण और फायदेमंद साबित होगी. राजा सरफराज का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में प्रतिभाशाली युवाओं की कमी नहीं है. यदि मौका मिले तो ये राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि कश्मीर, भालेसा, जम्मू, भद्रवाह, किश्तवाड़, पद्दार, पुंछ और लेह-लद्दाख जैसी जगहों का सौन्दर्य फिल्म निर्माताओं के लिए बेहतरीन कैनवास बन सकता है.