एक्टिंग से ज्यादा पंकज त्रिपाठी के अंदर है इस चीज का टैलेंट, ये सीक्रेट जान आप भी करेंगे कालीन भैया की तारीफ

त्रिपाठी ने अपने एक पुराने इंटरव्यू में सही मात्रा में एक्टिंग और कुकिंग करने की खूबी बताई थी. इस इंटरव्यू में पंकज त्रिपाठी ने बताया कि उन्हें कुकिंग का भी बहुत शौक है. उन्होंने कहा कि वो एक्टिंग और कुकिंग दोनों अच्छी कर लेते हैं.

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एक्टिंग से ज्यादा पंकज त्रिपाठी के अंदर है इस चीज का टैलेंट
नई दिल्ली:

पंकज त्रिपाठी की एक्टिंग ऐसी कि जैसे पानी बिना किसी रुकावट के बहता चला जा रहा हो. सही शब्द कह सकते हैं फ्लो लेस एक्टिंग या स्पोंटेनियस एक्टिंग, जिसमें पंकज त्रिपाठी ने जैसे महारत हासिल कर ली है. उनकी इसी खूबी ने पंकज त्रिपाठी को आज ओटीटी से लेकर फिल्मों तक का फेवरेट कलाकार बना दिया है. कुछ साल पहले तक खुद पंकज त्रिपाठी को अपनी इस कला का शायद अंदाजा नहीं होगा. जब घर चलाने के लिए वो रेस्टोरेंट में खाना बनाया करते थे. सब्जियों में नमक हल्दी डालते डालते उन्हें स्क्रीन पर भी नपे तुले जज्बात परोसने की आदत पड़ गई और वो बन गए एक बेमिसाल एक्टर. खुद पंकज त्रिपाठी एक इंटरव्यू में कुकिंग और एक्टिंग के अपने शौक का अनोखा अंदाज में कंपैरिजन कर चुके हैं.

सही मात्रा का ज्ञान

पंकज त्रिपाठी ने अपने एक पुराने इंटरव्यू में सही मात्रा में एक्टिंग और कुकिंग करने की खूबी बताई थी. इस इंटरव्यू में पंकज त्रिपाठी ने बताया कि उन्हें कुकिंग का भी बहुत शौक है. उन्होंने कहा कि वो एक्टिंग और कुकिंग दोनों अच्छी कर लेते हैं क्योंकि उन्हें मात्राओं का ज्ञान है. इसके बाद पंकज त्रिपाठी ने मात्राओं का सीक्रेट भी बताया और ये भी बताया कि ये मात्राएं कैसे उनके सक्सेस मंत्रा बन चुकी हैं. पंकज त्रिपाठी ने कहा कि जैसे खाने में नमक, हल्दी या किसी भी मसाले की मात्रा गड़बड़ होती है तो खाने का स्वाद गड़बड़ हो जाता है और खाना ओवरकुक मान लिया जाता है. उसी तरह एक्टिंग में अगर इमोशन्स की मात्रा कम या ज्यादा होती है वो ओवरएक्टिंग कहलाती है.

शेफ से बने एक्टर

पंकज त्रिपाठी करियर के इस मुकाम पर पहुंच कर भी कुकिंग के लिए अपना प्यार छुपा नहीं पाते हैं. उन्हें आज भी कुकिंग करना पसंद है. कभी वो भी बतौर शेफ ही अपना करियर संवारने की कोशिश में भी जुटे हुए थे. ये बात भी कुछ पंकज त्रिपाठी कुछ इंटरव्यूज में बता चुके हैं कि वो पटना के एक होटल में शेफ का काम करते थे. दिनभर वो थियेटर में वक्त बिताते थे और रात में एक होटल में खाना पकाते थे. खाने में एक एक मसाले की वैल्यू उन्हें वहीं से समझ आई जो उनकी मजबूत एक्टिंग का भी आधार बनी.

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