निर्माता, निर्देशक और अभिनेता टी. धीरज कुमार, जिन्हें धीरज कुमार के नाम से जाना जाता है, को शनिवार रात सांस लेने में तकलीफ के कारण मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में निधन हो गया है. निमोनिया के चलते पिछले कुछ समय से उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत आईसीयू में भर्ती करने की सलाह दी. शुरुआत में उनकी हालत गंभीर बतायी जा रही थी, लेकिन अब वह इस दुनिया में नहीं रहे.
धीरज कुमार 1965 में एक टैलेंट हंट प्रतियोगिता के जरिए फिल्मों में आए थे. यह वही टैलेंट हंट था जिसमें उनके साथ मशहूर निर्देशक सुभाष घई और उस दौर के सुपरस्टार राजेश खन्ना भी शामिल थे. राजेश खन्ना ने यह प्रतियोगिता जीती थी और धीरज कुमार फाइनलिस्ट रहे, जिससे उन्हें भी फिल्मों में अवसर मिला. अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने मॉडलिंग की, कई विज्ञापन किए और फिर फिल्मों में कदम रखा. उनकी पहली फिल्म थी “दीदार” और फिर “रातों का राजा”. ये दोनों ही फिल्में 1970 में रिलीज हुईं और इन्हीं से उन्हें अभिनय में पहचान मिलने लगी.
धीरज कुमार की वे फिल्में जिनसे उन्हें खास पहचान मिली, वे थीं देव आनंद की “हीरा पन्ना” और मनोज कुमार की “रोटी कपड़ा और मकान” जैसी चर्चित फिल्में. इसके बाद उन्होंने “क्रांति” और “सरगम” जैसी कामयाब फिल्मों में भी अहम भूमिकाएं निभाईं. हिंदी फिल्मों के अलावा उन्होंने पंजाबी फिल्मों में भी अभिनय किया और पंजाबी सिनेमा के सुपरस्टार बन गए. उन्होंने लगभग 21 पंजाबी फिल्मों में अभिनय किया और वहां भी लोकप्रियता हासिल की.
अभिनय के अलावा वे निर्माता और निर्देशक भी रहे. उन्होंने कई धार्मिक धारावाहिकों का निर्माण और निर्देशन किया. फिल्मों की बात करें तो उन्होंने 2004 में “आबरा का डाबरा” नाम की फिल्म का निर्देशन किया. उन्होंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी “क्रिएटिव आई” की भी शुरुआत की, जिसके तहत वे लंबे समय तक धारावाहिकों का निर्माण करते रहे.