इंडियन सिनेमा में ऐसी कई एक्ट्रेसेस रही हैं जिन्होंने फैन्स को एंटरटेन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. नतीजतन, इन एक्टर्स ने सिर्फ फेम ही नहीं, बल्कि अच्छी खासी दौलत भी कमाई. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 1950 के दशक में एक ऐसी एक्ट्रेस थी जिसने अपनी एक्टिंग स्किल्स से ऑडियंस का दिल जीत लिया था? उसने इतनी छाप छोड़ी कि वो बॉलीवुड इतिहास की पहली एक्ट्रेस बन गई जिसने हाई-एंड रॉल्स रॉयस खरीदी. अगर आपके दिमाग में रेखा, जीनत अमान या परवीन बाबी का नाम आ रहा है, तो गलत हैं. हम बात कर रहे हैं नादिरा की.
कौन थीं नादिरा?
नादिरा का असली नाम फ्लोरेंस एजकिएल था. वो 1950 के दशक की आइकॉनिक एक्ट्रेसेस में से एक थीं. उनकी फेमस फिल्मों में आन (1952), श्री 420 (1955), पाकीज़ा (1972) और जूली (1975) शामिल हैं. जूली के लिए उन्हें फिल्म फेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस अवॉर्ड भी मिला. दिलचस्प बात ये है कि नादिरा का जन्म भारत में नहीं हुआ था. वो एक बगदादी जुइश फैमिली से ताल्लुक रखती थीं और 1930 के दशक के आखिरी सालों में अपने परिवार के साथ भारत आईं, संभवतः वर्ल्ड वॉर 2 के दौरान.
कैसे नादिरा बनीं फेमस एक्ट्रेस?
साल 1943 में, सिर्फ 11 साल की उम्र में, उन्होंने मौज फिल्म से डेब्यू किया. इस फिल्म के लिए उन्हें 1,200 रुपये मिले. 1950 और 1960 के दशक के आखिर तक नादिरा सबसे डिमांडिंग एक्ट्रेसेस में से एक बन गईं. दिल अपना और प्रीत पराई और छोटी छोटी बातें जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में उन्होंने काम किया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नादिरा पहली ऐसी एक्ट्रेस थीं जिन्होंने 1950 के दशक में ही एक लग्जरी कार रॉल्स रॉयस खरीदी. ये वो दौर था जब बड़े-बड़े इंडियन एक्टर्स या बिजनेस टायकून भी ऐसी कार नहीं खरीद पाए थे.
करियर का उतार-चढ़ाव और आखिरी वक्त
अपने करियर के पीक पर पहुंचने के बाद, नादिरा का स्टारडम धीरे-धीरे घटने लगा. 1970 के दशक में उन्होंने सपोर्टिंग रोल्स करने शुरू किए. पाकीज़ा, जूली और सागर जैसी फिल्मों में उनके यादगार रोल रहे. आखिरी बार उन्होंने शाहरुख खान और ऐश्वर्या राय की फिल्म जोश (2000) में एक कैमियो किया. नादिरा ने साल 2006 में इस दुनिया को अलविदा कहा. उस वक्त उनकी उम्र 73 साल थी उन्होंने सिनेमा में अपनी एक अलग पहचान बनाई और आज भी उनकी कहानी लोगों को इंस्पायर करती है.