नाना पाटेकर जितने उम्दा एक्टर हैं, अपनी तुनकमिजाजी के लिए भी उतने ही मशहूर रहे हैं. उनका एक किस्सा जुड़ा है विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म परिंदा से. अनिल कपूर, माधुरी दीक्षित, जैकी श्रॉफ और नाना पाटेकर जैसे दिग्गज इस फिल्म का हिस्सा बने. उसके बावजूद ये फिल्म महज 12 लाख रु. में बनकर तैयार हो गई. लेकिन दर्शकों की कसौटी पर इतनी खरी उतरी की लोग इसकी तारीफ करते नहीं थके. इस फिल्म के दौरान नाना पाटेकर और फिल्म के डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा के बीच कई बार तकरार हुई. उसके बाद विधु विनोद चोपड़ा सख्ती के साथ नाना पाटेकर से काम करने का तरीका समझ गए. इन दोनों की ही एक तकरार की वजह से फिल्म का एक सीन बेहद जबरदस्त बन गया. यह किस्सा जोड़ा है खाने से जिस पर नाना पाटेकर और विधु विनोद चोपड़ा की जबरदस्त बहस हुई.
इस बात पर हुआ झगड़ा
फिल्म बेहद कम बजट में बनकर तैयार हो रही थी. यही वजह थी फिल्म का पूरी कास्ट और क्रू अपना खाना और पानी खुद ही लेकर आते थे. लेकिन फिल्म को डायरेक्ट कर रहे विधु विनोद चोपड़ा कश्मीर से आए थे, जिनकी भाषा बहुत साफ थी. जबकि नाना पाटेकर को बात बात पर गुस्सा आता था और वो अपशब्दों का भी इस्तेमाल करते थे. नाना को टैकल करने के लिए विधु विनोद चोपड़ा ने भी कुछ अपशब्द बोलने की आदत डाल ली. इस बीच शूटिंग के दौरान नाना पाटेकर ने सेट पर खाने की डिमांड की जिसके बाद विधु विनोद चोपड़ा और नाना पाटेकर में थोड़ी बहस हुई और चोपड़ा ने पूछा कि वो घर से खाना क्यों नहीं लाए.
बनियान में शूट किया सीन
इस तकरार के दौरान विधु विनोद चोपड़ा ने नाना पाटेकर का कुर्ता खींच दिया जो फट गया. उस कुर्ते में नाना पाटेकर को फिल्म का आइकोनिक सीन शूट करना था जिसमें उनकी बीवी की मौत हो जाती है और वो अपनी आंखें दिखाकर पूछते ही देख है क्या मेरी आंखों में आंसू. लेकिन कुर्ता फटने के बाद नाना पाटेकर ने बनियान में ही वो सीन शूट किया. जो फिल्म की जान बन गया. इस फिल्म के लिए नाना पाटेकर को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्म फेयर अवॉर्ड भी मिला.