35 रुपये की तनख्वाह पर सफेदी करता था ये एक्टर, मिल चुका है पद्मश्री सम्मान, अब नेटवर्थ जान उड़ जाएंगे होश

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के मरूड-जंजीला गांव में जन्में नाना पाटेकर ने बहुत ही कम उम्र में अपने पिता को खो दिया था और परिवार की पूरी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई थी.

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इस स्टार के संघर्ष की कहानी है बेहद प्रेरक, किया जमीन से आसमान तक का सफर
नई दिल्ली:

बॉलीवुड के कई ऐसे सितारे हैं जिनके संघर्ष की कहानी बेहद प्रेरक है. ऐसे ही एक सितारे हैं नाना पाटेकर, जिन्होंने फर्श से अर्श तक का सफर पूरा किया है. अपनी मेहनत और लगन के दम पर बॉलीवुड में न सिर्फ जगह बनाई बल्कि एक ऊंचा मुकाम हासिल किया. तीन नेशनल अवार्ड और पद्मश्री जैसे सम्मान से सम्मानित नाना पाटेकर कभी महज 35 रुपए कमाते थे और चूना सफेदी कर अपना घर चलाते हैं. आइए नाना के इस संघर्ष की कहानी को जानते हैं.

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के मरूड-जंजीला गांव में जन्में नाना पाटेकर ने बहुत ही कम उम्र में अपने पिता को खो दिया था और परिवार की पूरी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई थी. कारोबार में धोखे की वजह से पिता पहले बीमार पड़े और फिर दुनिया को अलविदा कह दिया. ऐसे में परिवार की आर्थिक स्थिति भी बगड़ गई थी.

बॉलीवुड में डेब्यू

नाना पाटेकर ने परिवार चलाने के लिए चूनाभट्टी में काम करना शुरू किया, वहां उन्हें 35 रुपए की तनख्वाह मिलती थी. वह जेब्रा क्रॉसिंग पर रंग किया करते थे. फिर कुछ समय बाद उन्होंने थिएटर करना शुरू किया और यहीं से बॉलीवुड तक का सफर तय किया. साल 1978 में नाना ने फिल्म गमन से बॉलीवुड में डेब्यू किया.

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इतनी है नेट वर्थ

प्रहार, तिरंगा, परिंदा, क्रांतिवीर और खामोशी नाना पाटेकर की सफल फिल्मों में शामिल हैं. 74 साल की उम्र में भी वह फिल्मों में एक्टिव हैं. हाल में वह फिल्म वनवास में नजर आए थे. रिपोर्ट के अनुसार उनकी नेटवर्थ 80 करोड़ रुपए है. हालांकि नाना पाटेकर ने अपनी संपत्ति के बारे में कभी खुलकर बात नहीं की है.

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