कैरेक्टर में उतरने के लिए मछुआरों के गांव पहुंचा साउथ का ये सुपरस्टार, असल जिंदगी की कहानी पर आधारित है फिल्म

चैतन्य अपने किरदार में उतरने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. चंदू मोंडेती के निर्देशन में बन रहा यह एक और शानदार प्रोजेक्ट है. चंदू मोंडेती इससे पहले ‘कार्तिकेय 2’ के साथ पैन इंडिया ब्लॉकबस्टर दे चुके हैं.

Advertisement
Read Time: 16 mins
कैरेक्टर में उतरने के लिए मछुआरों के गांव पहुंचा साउथ का ये सुपरस्टार
नई दिल्ली:

युवा सम्राट नागा चैतन्य ने अपनी अगली फिल्म के लिए श्रीकाकुलम के एक गांव का दौरा किया और उन्होंने मछुआरा समुदाय के लोगों के साथ क्वालिटी टाइम भी गुजारा. उन्होंने फिल्म के लिए एकदम नई अप्रोच को अपनाया है और मछुआरों और उनके परिवारों से मुलाकात कर उनकी जिंदगी, कल्चर और लाइफस्टाइल को समझने की कोशिश भी की. चैतन्य अपने किरदार में उतरने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. चंदू मोंडेती के निर्देशन में बन रहा यह एक और शानदार प्रोजेक्ट है. चंदू मोंडेती इससे पहले ‘कार्तिकेय 2' के साथ पैन इंडिया ब्लॉकबस्टर दे चुके हैं. एनसी 23 टाइटल से, यह क्रेजी प्रोजेक्ट जल्द ही फ्लोर पर जाने के लिए तैयार है. मेगा प्रोड्यूसर अल्लू अरविंद इस मूवी को पेश कर रहे हैं जबकि बनी वास इसे टॉलीवुड के प्रमुख प्रोडक्शन हाउस गीता आर्ट्स के बैनर तले प्रोड्यूस करेंगे.

चंदू मोंडेती के निर्देशन में बन रहा यह एक और शानदार प्रोजेक्ट है. चंदू मोंडेती इससे पहले ‘कार्तिकेय 2' के साथ पैन इंडिया ब्लॉकबस्टर दे चुके हैं. एनसी 23 टाइटल से, यह क्रेजी प्रोजेक्ट जल्द ही फ्लोर पर जाने के लिए तैयार है. मेगा प्रोड्यूसर अल्लू अरविंद इस मूवी को पेश कर रहे हैं जबकि बनी वास इसे टॉलीवुड के प्रमुख प्रोडक्शन हाउस गीता आर्ट्स के बैनर तले प्रोड्यूस करेंगे. मीडिया को संबोधित करते हुए नागा चैतन्य ने बताया,  ‘चंदू ने छह महीने पहले कहानी सुनाई थी. मैं बहुत उत्साहित हो गया. उन्होंने वास्तविक घटनाओं के आधार पर कहानी तैयार की है. कहानी पर काम करने के लिए वास और चंदू दो साल से सफर कर रहे हैं. कहानी बहुत प्रेरणादायक थी. हम यहां मछुआरों के लाइफस्टाइल, उनकी बॉडी लैंग्वेज और गांव के ताने-बाने को समझने आए थे. प्री-प्रोडक्शन का काम आज से शुरू हो रहा है.'

चंदू मोंडेती ने कहा, ‘कार्तिक नाम के एक स्थानीय शख्स ने 2018 में हुई एक असली घटना पर आधारित एक कहानी तैयार की. उसने शुरुआत में यह कहानी अरविंद गारू और बनी वास गारू को सुनाई. जब मैंने कहानी सुनी तो मैं उत्साहित हो गया. हम पिछले दो साल से स्क्रिप्ट पर काम कर रहे थे. स्क्रिप्ट अब तैयार है और अच्छी बनकर सामने आई है. चे कहानी से खुश हैं. हम यहां फिल्म का प्री-प्रोडक्शन शुरू करना चाहते थे जहां यह घटना घटी थी.'

Advertisement

प्रोड्यूसर बनी वास ने कहा, ‘हमारा काम अभी शुरू हुआ है. 2018 में एक घटना घटी. गांव के स्थानीय लोग रोजगार के लिए गुजरात जाते हैं और वहां मछली पकड़ने वाली नावों पर काम करते हैं. लेखक कार्तिक ने 2018 में हुई घटना पर एक कहानी तैयार की. चंदू को यह पसंद आई और उन्होंने इसे एक खूबसूरत प्रेम कहानी बना दिया. वैसे भी इन दिनों तेलुगु फिल्म निर्माता कुछ यथार्थवादी फिल्में बनाने का इरादा रखते हैं. डायरेक्टर चंदू भी उन जड़ों तक जाना चाहते थे, जहां कहानी घटित हुई थी. हम यहां के माहौल और मछुआरों की बॉडी लैंग्वेज की स्टडी करने आए थे. चे भी मछुआरों और उनके लाइफस्टाइल के बारे में जानना चाहते थे. इस घटना ने भारत और पाकिस्तान सरकार तक को हिलाकर रख दिया था. इसलिए, हम गांव का दौरा करना चाहते थे. यहां हमारा गर्मजोशी से स्वागत हुआ और जानकारी इकट्ठा करने के लिए हम दोबारा यहां आ सकते हैं. हमें ग्रामीणों से आगे भी सहयोग मिलने की पूरी उम्मीद है.' 

Advertisement

आलिया भट्ट की एयरपोर्ट स्टोरी

Featured Video Of The Day
UK Election Results 2024: क्या नफा, क्या नुकसान? Britain में सरकार बदलने से क्या पड़ेगा भारत पर असर