मां बन रानी मुखर्जी ने सिनेमाघरों में ला दिए थे आंसू, सच्ची कहानी ने जीत लिया था दिल, अब फ्री में देख सकेंगे यहां पर

उस मां के प्यार और दर्द से बढ़कर कुछ भी नहीं जिसके बच्चों को उससे छीन लिया गया हो. ज़ी सिनेमा इस वीकेंड ऐसी ही एक मां के जज़्बातों और संघर्ष भरे सफर को पर्दे पर लेकर आ रहा है.

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मां बन रानी मुखर्जी ने सिनेमाघरों में ला दिए थे आंसू, सच्ची कहानी ने जीत लिया था दिल, फोटो- youtube/Mrs. Chatterjee vs Norway
नई दिल्ली:

उस मां के प्यार और दर्द से बढ़कर कुछ भी नहीं जिसके बच्चों को उससे छीन लिया गया हो. ज़ी सिनेमा इस वीकेंड ऐसी ही एक मां के जज़्बातों और संघर्ष भरे सफर को पर्दे पर लेकर आ रहा है. आप भी प्यार, हौसले और इंसाफ की गुहार के एक अनोखे सफर पर चलने के तैयार हो जाइए जहां ज़ी सिनेमा रविवार, 24 मार्च को दोपहर 12 बजे मिसेज़ चटर्जी वर्सेस नॉर्वे का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर लेकर आ रहा है. बॉलीवुड आइकन रानी मुखर्जी की लीड भूमिका वाली फिल्म ‘मिसेज़ चटर्जी वर्सेस नॉर्वे' का निर्देशन आशिमा छिब्बर ने किया है. फिल्म में जिम सर्भ, नीना गुप्ता, अनिर्बान भट्टाचार्य भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं. यह फिल्म एक मां की सच्ची ज़िंदगी की कहानी और अपने बच्चों को वापस पाने के उसके अटूट इरादों से प्रेरित है, जिन्हें नॉर्वेजियन अधिकारी जबर्दस्ती अपने साथ ले जाते हैं.

जब आप रानी मुखर्जी के बारे में सोचते हैं, तो आपके मन में एक दमदार, असरदार और वास्तविक अदाकारा का ख्याल आता है. और इस फिल्म के साथ उन्होंने इन सटीक भावनाओं को‌ बखूबी पेश किया है. देबिका चटर्जी का उनका चित्रण मनमोहक है, जो एक जैसी सहानुभूति और तारीफ जगाती हैं. और यह दमदार कहानी और शानदार परफॉर्मेंस ही है जिसके चलते इस फिल्म को जमकर तारीफें मिलीं, साथ ही प्रतिष्ठित ज़ी सिने अवॉर्ड्स और फिल्मफेयर से सम्मानित भी किया गया. रानी मुखर्जी ने मिसेज़ चटर्जी वर्सेस नॉर्वे में अपने रोल के लिए ज़ी सिने अवॉर्ड्स में बेस्ट एक्टर और फिल्मफेयर अवार्ड्स में बेस्ट एक्ट्रेस का क्रिटिक्स अवॉर्ड भी जीता.

इस फिल्म के वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर पर रानी मुखर्जी ने कहा, "मेरे लिए, मिसेज़ चटर्जी वर्सेस नॉर्वे सिर्फ एक फिल्म नहीं है; यह जज़्बातों का सफर है जो एक मां के प्यार की ताकत दर्शाती है. इसका मकसद देबिका के किरदार के जरिए सागरिका की कहानी को सेल्युलाइड पर पेश करना और दर्शकों को उस दर्द का एहसास कराना है जो एक मां को अपने बच्चों से अलग होने पर सहना पड़ता है. और मुझे इस फिल्म, इस सफर और दर्शकों पर इसके असर पर बेहद गर्व है जिसके कारण अंततः फिल्म को भारी सफलता मिली. अब मैं ज़ी सिनेमा के जरिए इस फिल्म को देश भर के घरों में पहुंचते हुए देखने के लिए उत्साहित हूं."

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आशिमा छिब्बर कहती हैं, "एक बच्चे को उसकी मां से अलग करना भला एक विकल्प कैसे हो सकता है? आखिर कोई इसे एक विकल्प के रूप में कैसे सोच सकता है? जब मैंने इस मामले के बारे में सुना तो मेरे दिमाग में सबसे पहले यही सवाल आया था. हम इस फिल्म को यूनिवर्सल बनाना चाहते थे. यह निश्चित रूप से दर्शकों से जुड़ेगी क्योंकि आखिर में तो हम सभी को मांओं ने ही जन्म दिया है, चाहे अब आप किसी भी रिश्ते में हों. रानी मुखर्जी एक इंसान के रूप में वाकई रहमदिल, विनम्र और मददगार हैं इसलिए जब मैं फिल्म की तैयारी कर रही थी तो इस रोल के लिए मैं किसी और के बारे में सोच ही नहीं सकती थी. एक निर्देशक के रूप में, 'मिसेज़ चटर्जी वर्सेस नॉर्वे' दिल से की गई मेहनत का फल है. ये कहानी मेरे दिल के करीब है जो एक मां के अटूट हौसले का जश्न मनाती है. मैं दर्शकों को टीवी पर इस सफर का अनुभव कराने के लिए उत्साहित हूं."

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एक सच्ची घटना पर आधारित यह फिल्म भारतीय अप्रवासी देबिका चटर्जी (रानी मुखर्जी) की कहानी बताती है, जिनके बच्चों को अनुचित पालन-पोषण के बहाने जबर्दस्ती उनसे छीन लिया गया है. उनके खिलाफ आरोपों की आधिकारिक सूची में एक ही बिस्तर पर सोना, अपने बच्चों को हाथ से खाना खिलाना और बुरी नजर से बचाने के लिए उनके चेहरे पर काजल लगाना जैसे कारण शामिल हैं. उन्हें मानसिक रूप से अस्थिर और मां होने के अयोग्य ठहराया जाता है. वो अपने बच्चों को वापस पाने के लिए सभी मुश्किलों से कैसे लड़ेगी? क्या उसे अपने बच्चे वापस मिलते हैं? क्या इस लड़ाई में वो जीतने से ज्यादा हारती है? अपने कैलेंडर पर तारीख मुकर्रर कर लीजिए और अपने दोस्तों और परिवार के साथ देखिए मिसेज़ चटर्जी वर्सेस नॉर्वे, रविवार, 24 मार्च को दोपहर 12 बजे, सिर्फ ज़ी सिनेमा पर!

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