रेखा की गोद में दिख रहा है ये बच्चा पहली ही फिल्म से बना नेशनल क्रश, शाहरुख-सलमान जैसी थी पापुलैरिटी, फिर मिल गया मनहूस का टैग, पहचाना क्या?

ज़रा दिमाग पर जोर डालिए और एवरग्रीन ब्यूटी रेखा की गोद में बैठे इस मासूम और क्यूट से बच्चे को पहचान कर बताइए. अगर गेस करने में मुश्किल आ रही है तो आपको बता दें कि मोहब्बतें फिल्म में ये एक्टर शाहरुख खान का स्टूडेंट था.

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पहली ही फिल्म से नेशनल क्रश बन गया था ये एक्टर, फिर दिया गया मनहूस का टैग
नई दिल्ली:

इनकी नीली आंखें और क्यूट लुक पर न जाने कितनी लड़कियां दीवानी थीं. आलम ये था कि अपनी पहली फिल्म के बाद नेशनल क्रश बन चुका था.  इनकी एक झलक पाने के लिए लड़कियां मर मिटती थीं. पर आज ये एक्टर गुमनामी की जिंदगी जी रहा है. आपको बता दें कि कभी इस एक्टर की पॉपुलैरिटी शाहरुख खान और सलमान खान से भी ज्यादा थी.  लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ जिसने इन्हें अर्श से फर्श पर ला दिया. एक वक्त ऐसा भी आया जब इसी इंडस्ट्री में इन्हें मनहूस का टैग दे दिया गया था. तो ज़रा दिमाग पर जोर डालिए और एवरग्रीन ब्यूटी रेखा की गोद में बैठे इस मासूम और क्यूट से बच्चे को पहचान कर बताइए. अगर गेस करने में मुश्किल आ रही है तो आपको बता दें कि  मोहब्बतें फिल्म में ये एक्टर शाहरुख खान का स्टूडेंट था.   

नीली आंखों वाला ये हैंडसम हंक कौन?

अगर आप अब तक इस क्यूट से बच्चे को पहचान नहीं पाए हैं तो आपको बता दें कि अपनी चॉकलेटी बॉय इमेज के लिए मशहूर ये कोई नहीं बल्कि बॉलीवुड के हैंडसम हंक जुगल हंसराज हैं. तस्वीर में मासूम सा नजर आ रहा ये बच्चा असल में 'मासूम' फिल्म से ही बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट बॉलीवुड में कदम रखा था.

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बतौर चाइल्ड एक्टर की करियर की शुरुआत 

 बच्चों की किरदार में तो जुगल हंसराज अपना जादू बिखेर ही चुके थे लेकिन अब बारी थी बड़े पर्दे पर हीरो के तौर पर दम खम दिखाने की. साल 1994 में आई फिल्म आ गले लग जा में जुगल हंसराज ने बतौर हीरो डेब्यू किया. फिल्म में उनकी जोड़ी उर्मिला मातोंडकर के साथ बनी लेकिन फिल्म फ्लॉप रही. फिर जुगल हंसराज महेश भट्ट की फिल्म पापा कहते हैं मैं दिखाई दिए लेकिन ये भी हिट ना हो सकी. 

इस वजह से दिया गया 'मनहूस' का टैग 

 साल 2000 में जुगल हंसराज मोहब्बतें फिल्म में समीर शर्मा के किरदार में नजर आए. फिल्म में जुगल हंसराज के हैंडसम लुक और एक्टिंग को बेहद पसंद किया गया. हालांकि इसके बाद उन्होंने कई फिल्में साइन की लेकिन कुछ फिल्मी कमाल नहीं दिखा पाईं तो कुछ फिल्मी अधूरी रह गईं. आलम ये रहा की जुगल हंसराज की करीब 30 फिल्में सिनेमाघर तक दस्तक ही नहीं दे सकीं. खुद जुगल हंसराज ने एक इंटरव्यू में बताया था कि 30 फिल्में बंद होने की वजह से लोगों ने बोला भला कहने लगे थे. यहां तक कि उन्हें मनहूस का टैग दे दिया गया था. 

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