बॉलीवुड के इतिहास में एक ऐसी फिल्म भी दर्ज है जिसने एक साथ फिल्म इंडस्ट्री के तीन बड़े कलाकारों की जिंदगी बदल दी. किसी के करियर के लिए ये फिल्म ऐसी टर्निंग प्वाइंट साबित हुई कि सिने स्क्रीन पर इमेज ही बदल गई. तो, किसी की जिंदगी की ये आखिरी फिल्म साबित हुई. सिर्फ इतना ही नहीं फिल्म के कुछ डायलॉग इतने हिट हुए कि आज की जनरेशन भी उन्हें दोहराती है. भले ही फिल्म देखी हो या न देखी हो. इस फिल्म का नाम है मेरे अपने. जो रिलीज हुई थी साल 1971 में. बॉक्स ऑफिस पर तो फिल्म खूब हिट रही. साथ ही कुछ खास यादें भी इस फिल्म से जुड़ गईं.
विलेन से बने हीरो
इस फिल्म में विनोद खन्ना और शत्रुघ्न सिन्हा दोनों एक साथ नजर आए थे. दिलचस्प बात ये है कि इससे पहले तक दोनों ने अधिकांश फिल्मों में निगेटिव रोल ही किया था. इस फिल्म में दोनों एक्शन अवतार में थे लेकिन दोनों को ही पहली बार पॉजिटिव किरदार अदा करने का मौका मिला था. ये फिल्म दोनों के करियर में बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हुई और दोनों की इमेज ही पर्दे पर बदल गई. इस फिल्म का डायलॉग श्याम आए तो कहना उससे मिलने छेनू आया था. आज भी बहुत हिट है और बच्चों बच्चों की जुबान पर है.
एक्ट्रेस की हुई डेथ
इस फिल्म में मीना कुमारी अहम किरदार में थी. पूरी फिल्म ही उनके इर्द गिर्द घूमती है. इस फिल्म में एक बूढ़ी और विधवा महिला के किरदार में थीं. जो धीरे धीरे अनाथ बच्चों के बीच नानी मां के रूप में फेमस हो जाती है. इस फिल्म के कुछ ही समय बाद मीना कुमारी का निधन हो गया था. 31 मार्च 1972 को मीना कुमारी ने आखिरी सांस ली थी. इस फिल्म के बाद मीना कुमारी चंद ही और फिल्मों में काम कर पाईं थीं.