10वीं फेल मनसुखभाई प्रजापति ने दिखाया मिट्टी का कमाल, बना दिए फ्रिज से लेकर वाटर प्यूरीफायर, इस तरह मिली पहचान

एक मुट्ठी भर मिट्टी किसी शख्स को पूरी दुनिया में एक अलग पहचान दिला सकती है यह बात गुजरात के मनसुखभाई प्रजापति ने साबित कर दी है. मनसुखभाई प्रजापति को भारत का 'मिट्टी पुत्र' कहना कोई छोटी बात नहीं होगी.

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मनसुखभाई प्रजापति
नई दिल्ली:

एक मुट्ठी भर मिट्टी किसी शख्स को पूरी दुनिया में एक अलग पहचान दिला सकती है यह बात गुजरात के मनसुखभाई प्रजापति ने साबित कर दी है. मनसुखभाई प्रजापति को भारत का 'मिट्टी पुत्र' कहना कोई छोटी बात नहीं होगी. उन्होंने मिट्टी से पूरी दुनिया में नाम कमाया है. आज मनसुखभाई प्रजापति मिट्टी के बर्तन और मशीन बनाने वाले सबसे बड़े इंटरप्रेनर हैं. उन्होंने पूरी दुनिया में मिट्टी और उससे जुड़े बर्तन सहित मशीनों को बढ़ावा दिया है. मनसुखभाई प्रजापति ने मिट्टी के फ्रिज से लेकर एयर कूलर और वाटर प्यूरीफायर तक बनाए हैं. 

नेशनल ज्योग्राफिक पर दिखेगी मनसुखभाई प्रजापति की लाइफ

जल्द ही वह नेशनल ज्योग्राफिक की सीरीज में नजर आने वाले हैं. नेशनल ज्योग्राफिक ने पिछले महीने अर्थ डे पर 'वन फॉर चेंज' शीर्षक से अपना कैंपेन शुरू किया है. इस कैंपेन की सफलता के बाद नेशनल ज्योग्राफिक विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून, 2022) मनाने के लिए पर्यावरण के अंतरिक्ष से परिवर्तन करने वालों की कहानियों बयां कर रहा है. जिसमें मनसुखभाई प्रजापति के दिखाया जाएगा. कैसे उन्होंने मिट्टी की कला से कई आविष्कार किए हैं. इस मौके पर मनसुखभाई प्रजापति ने एनडीटीवी इंडिया से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अपनी जिंदगी के संघर्ष के बारे में बात की. साथ ही बताया कि एक एंटरप्रेनर के तौर पर उन्हें कैसे पहचान मिली. 

मनसुखभाई प्रजापति का बचपन काफी गरीबी में निकला है. कुम्हार समुदाय से संबंध रखने की वजह से उनके पिता मिट्टी के बर्तन बनाते थे. घर में इकलौता होने की वजह से मनसुखभाई प्रजापति के पास जिम्मेदारियां भी काफी ज्यादा थीं. मनसुखभाई प्रजापति ने 10वीं में फेल होने के बाद आगे पढ़ाई न करने का फैसला किया. इसके बाद वह अपने पिता के साथ मिट्टी के बर्तन बनाने के काम में लग लगे. किताबी ज्ञान में फेल हुए मनसुखभाई प्रजापति मिट्टी तकनीकी ज्ञान में काफी माहिर निकले. उन्होंने मिट्टी के बर्तन छोड़ मशीनें बनाने का फैसला किया. 

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कई मिट्टी की मशीनों का किया आविष्कार

मनसुखभाई प्रजापति ने पहली बार मिट्टी का तवा बनाने वाली मशीन का आविष्कार किया. जिससे उन्होंने शानदार तवे बनाए हैं. इसके अलावा उन्होंने मिट्टी से पानी फिल्टर करने वाली मशीन भी बनाई. ताकि तालाब के पानी को साफ करके पीने लायक बनाया जा सके. मनसुखभाई प्रजापति ने जब मिट्टी का फ्रिज का आविष्कार करने का सोचा तो उस वक्त बहुत से लोग उन्हें मूर्ख के तौर देखते थे. लेकिन उन्होंने जब इस सोच को सच करके दिखाया तो हर कोई हैरान हो गया था.

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गरीबों के लिए बनाया मिट्टी का फ्रिज

मनसुखभाई प्रजापति की मिट्टी का फ्रिज बनाने के पीछे भी दिलचस्प कहानी है. उन्होंने इसको बनाने का फैसला साल 2002 में गुजरात भूकंप में लोगों के मटके टूट जाने के बाद लिया. मनसुखभाई प्रजापति ने फैसला किया कि वह गरीबों के लिए फ्रिज बनाएंगे. जो उन्होंने बनाकर दिखाया. इस फ्रिज को बनाने में उन्हें दो साल तक मेहनत करनी पड़ी थी. लेकिन उन्होंने आखिरी में इसको बना दिया था. आज के समय में मनसुखभाई प्रजापति की मिट्टीकूल नाम की कंपनी चलाते हैं जो मिट्टी के बर्तन से लेकर मशीन तक बेचती है. 

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इस कंपनी की शुरुआत मनसुखभाई प्रजापति ने साल 2002 में 7 लाख रुपये का लोन लेकर शुरू की थी. लेकिन धीरे-धीरे उन्हें अपने इस काम में सफलता मिलती गई और आज उनकी कंपनी की कीमत करोड़ों में है. मिट्टीकूल में मनसुखभाई प्रजापति 250 से ज्यादा मिट्टी के प्रोडक्ट बनाते हैं. इतना ही नहीं वह महिलाओं के घर बैठे रोजगार देते हैं. ताकि महिला अपना घर के साथ कमाई कर सकें.

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