भाई को नौकरी से निकाले जाने पर जब लता मंगेशकर को आया था सुपरस्टार पर गुस्सा, गाने से कर दिया था इंकार, बोलीं-‘मैं तब तक आपके…’

लता मंगेशकर को राज कपूर पर भाई को निकालने के कारण गुस्सा आ गया था और उन्होंने उनकी फिल्मों में गाने के लिए मना कर दिया था.

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नई दिल्ली:

लता मंगेशकर को कौन नहीं जानता. उनके संगीत की दुनिया में योगदान आज भी याद किया जाता है. उन्होंने कई फिल्मों में अपनी आवाज दी. लेकिन राज कपूर उन फिल्ममेकर्स में से एक थे, जिन्होंने उनके शुरूआती दिनों में सिंगर के साथ काम किया. 1948 से लेकर राज कपूर के आखिरी दिनों तक दोनों ने जिंदगी के कई उतार चढ़ाव देखे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि लता मंगेशकर ने एक बार उनके लिए गाने से मना कर दिया था. इसका कारण सिंगर के भाई ह्दयनाथ मंगेशकर को अचानकर निकाला जाना था. 

दरअसल, राज कपूर द वन एंड ओनली शौमेन बुक में इस बात का जिक्र किया गया, जब सुपरस्टार ने लता मंगेशकर को उनकी फिल्म सत्यम शिवम सुंदरम का हिस्सा बनने के लिए कहा. लेकिन बाद में बिना सिंगर के जानकारी के उन्होंने उनके भाई को लक्ष्मीकांत प्यारेलाल से रिप्लेस कर दिया. 

बुक में लता द्वारा कहा गया, वह मेरे भाई ह्दयनाथ मंगेशकर को म्यूजिक देने के लिए चाहते थे. मैंने अपने भाई को मनाने की कोशिश की, जो फिल्मों में म्यूजिक देने के लिए राजी नहीं थे. बता दें कि सिंगर मुकेश ने ह्दयनाथ का नाम राज कपूर को सुझाया था. लेकिन जब लता मंगेशकर ने अपने भाई को मनाया और वह एक टूर के लिए यूएस चली गईं और उन्हें पता चला कि राज कपूर ने उनके भाई को पीछे से रिप्लेस कर दिया और लक्ष्मीकांत प्यारेलाल को ले लिया है.

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सिंगर ने लिखा, "यह मेरे लिए बहुत शर्मनाक था. हृदयनाथ ने मुझे फोन करके कहा कि वह मेरी वजह से फिल्म के लिए राजी हुए. लेकिन अखबारों में कुछ और ही लिखा जा रहा था. वह नाराज और शर्मिंदा थे. मैं राज जी से बहुत नाराज थी. वापस आने पर मैंने उन्हें फोन करके कहा 'आपने ऐसा क्यों किया? मैंने उन्हें इसलिए मनाया क्योंकि आपने मुझसे कहा था',". वहीं किताब की लेखिका और राज की बेटी रितु ने लिखा कि यह दोनों के बीच विवाद का कारण बन गया. उन्होंने लिखा, "लता ने राज कपूर को परेशान करना शुरू कर दिया. उन्होंने भविष्य में गाए जाने वाले गानों के लिए उनसे रॉयल्टी मांगना शुरू कर दिया, जैसा कि उन्होंने अन्य निर्माताओं के साथ किया था. वह अधिक पैसे चाहती थीं और यहां तक ​​कि उनके लिए रिकॉर्डिंग में देरी भी करती थीं."

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इस अनबन को सुलझाने के लिए पंडित नरेंद्र शर्मा, जो लता जी के लिए पिता समान थे. उन्होंने सिंगर को मनाया और सत्यम शिवम सुंदरम के लिए गाने को कहा यह कहते हुए कि उनके अलावा कोई इस गाने के लिए फिट नहीं बैठेगा. लेकिन लता ने एक शर्त रखी कि वह स्टूडियो में किसी के साथ बात नहीं करेंगी. इतना ही नहीं उन्होंने अपनी रिकॉर्डिंग के दौरान लक्ष्मीकांत प्यारेलाल से राज कपूर के स्टूडियो में आने तक भी बैन लगाने के लिए कहा. 

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लता मंगेशकर ने याद किया, मैंने गाना गाया और सीधा कार में बिना किसी से बात करे बैठ गई. बॉबी बन रही थी, मैंने राज कपूर को फोन करके बताया कि गायकों के संगठन ने सिंगर्स को सीधे निर्माताओं से रॉयल्टी लेने को कहा है। उन्होंने तुरंत जवाब दिया और कहा, मैं यहां बिजनेस करने आया हूं. रॉयल्टी बांटने नहीं. इसके जवाब में मैंने कहा, आप बिजनेस करने आए हैं और मैं रानी बाघ आई हूं. 

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इसके बाद जब दोनों के बीच अनबन ज्यादा बढ़ गई तो राज कपूर ने लक्ष्मीकांत प्यारेलाल से गुजारिश की कि उनके बीच की कोल्ड वॉर को खत्म करें. लता मंगेशकर ने उनकी कोशिशों को कुछ समय तक इग्नोर किया. लेकिन राज कपूर ने उन्हें कॉल किया और कहा, अगर तुम मेरी फिल्म के लिए गाना नहीं गाओगी. मैं आपके घर के सामने तंबू लगा के बैठूंगा. 

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