पायरेसी के जाल में फंसी है एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री ! जानिए किस तरह ऑनलाइन चोरी होती है फिल्म, समझिए पूरा खेल

हाल ही में राज्यसभा में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि पायरेसी के चलते हर साल फिल्म इंडस्ट्री को करोड़ों रुपए की चपत लग रही है. ऐसे में सरकार सख्त है और वह किसी को बख्शने वाली तो नहीं ही है.

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क्या है एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में पायरेसी का खेल आना समझिए
नई दिल्ली:

अब देश में फिल्म पायरेसी करने वालों की खैर नहीं होगी. इसको लेकर केंद्र सरकार सख्त हो गई है. 27 जुलाई, 2023 को सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 संशोधित विधेयक (Cinematograph Bill 2023) पारित किया गया है. अब अगर कोई फिल्म या वेब सीरीज की चोरी मतलब पायरेसी करते पकड़ा जाता है तो उसे 3 साल की जेल और फिल्म की लागत का 5% तक जुर्माना देना होगा. क्या आप जानते हैं कि आखिर ये फिल्म पायरेसी क्या होती है, कैसे की जाती है और इससे इंडस्ट्री को कितना नुकसान होता है, अगर नहीं तो चलिए समझते हैं पायरेसी का पूरा खेल.

भारत में फिल्म पायरेसी का कानून

हाल ही में राज्यसभा में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि पायरेसी के चलते हर साल फिल्म इंडस्ट्री 20 करोड़ रुपए की चपत लग रही है. ऐसे में सरकार सख्त है और वह किसी को बख्शने वाली तो नहीं ही है।

फिल्म पायरेसी आखिर होती क्या है

आए दिन आप सुनते होंगे कि फला फिल्म लीक हो गई है, इस फिल्म को यहां से डाउनलोड कर सकते हैं, असल में यही पायरेसी होती है. पायरेसी को अगर आसान भाषा में समझें तो इसे चोर कहते हैं. कॉपीराइट वाली फिल्में, वेब सीरीज, वीडियो या कोई भी कॉन्टेंट, गैर कानूनी तौर से चोरी कर किसी वेबसाइट या ऐप्स पर अपलोड करना ऑनलाइन पायरेसी कहलाती है.  

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पायरेसी समझना है तो देखें ये फिल्म

पायरेसी को ही समझाने के लिए 'तमिलरॉकर्स' नाम से एक फिल्म बनी है. इसकी कहानी में दिखाया गया है कि किस तरह फिल्मों और कॉन्टेंट की चोरी की जाती है. इस काले कारोबार ने 'लाल सिंह चड्ढा' से लेकर 'लाइगर' समेत कई बड़ी फिल्मों की बलि चढ़ा दी. रिलीज से पहले ही इन फिल्मों को ऑनलाइन लीक कर दिया गया.

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लॉकडाउन में बढ़ा पायरेसी का खेल

जब कोरोना काल में देश में लॉकडाउन लगा हुआ था, तब लोगों ने घर बैठे-बैठे ही ढेर सारी फिल्में देख डाली. इनमें से कई फिल्में पायरेसी के जरिए ही उन तक पहुंचती थी. एक आंकड़े के मुताबिक, लॉकडाउन पीरियड में सबसे ज्यादा फिल्में चोरी की गईं. इस दौरान पायरेसी में 62% तक का इजाफा देखने को मिला.

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फिल्मों के चोरी होने का सोर्स क्या होता है 

पहले सीडी, डीवीडी और वेब साइट्स से फिल्मों की पायरेसी की जाती थी लेकिन जब टेलीग्राम आया तो इसकी चोरी और भी ज्यादा बढ़ गई. पिछले साल 2022 में आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि वॉट्सऐप का इस्तेमाल भी इस काले धंधे के लिए किया जा रहा है.

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क्या पायरेसी से ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को नुकसान होता है

मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, फिल्मों की पायरेसी के कारण ऑनलाइन मीडिया प्लेटफॉर्म के रेवेन्यू में 25 से 30% तक का नुकसान देखने को मिलता है. 'स्कैम 1992', 'आश्रम' और 'रॉकेट बॉयज' जैसी वेब सीरीज टॉरेंट वेब साइट्स से खूब चोरी की गई थी.

पायरेसी से किस देश को सबसे ज्यादा नुकसान

अमेरिका को पायरेसी से सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है. एक रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका को पायरेसी से 92,000 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है. चीन का नंबर दूसरा है, 78,000 करोड़ का नुकसान हुआ. भारत का नंबर इस लिस्ट में तीसरा है, जिसे फिल्मों की चोरी से 24,000 करोड़  का नुकसान उठाना पड़ा है.

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