फिल्ममेकर करण जौहर पर अक्सर नेपोटिज्म को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहता है. इन दिनों उनकी फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी रिलीज है. इस फिल्म को दर्शकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. वहीं रॉकी और रानी की प्रेम कहानी की रिलीज के बाद एक बार फिर से करण जौहर पर नेपोटिज्म के आरोप लग रहे हैं. साथ ही उन्हें कई बार ट्रोल किया जा चुका है. ऐसे में करण जौहर ने उन्हें ट्रोल करने वालों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
निर्देशक ने हाल ही में सुचित्रा त्यागी से बातचीत की. इस दौरान करण जौहर ने बताया है कि वह ट्रोल्स से कैसे निपटते हैं और इसका उनकी मां हीरू जौहर पर क्या प्रभाव पड़ा है. फिल्म निर्माता ने यह भी स्वीकार किया कि वह अब अपनी छवि के साथ सहज हैं और उनके पास अब खोने के लिए कुछ नहीं है. करण जौहर ने सुचित्रा त्यागी से कहा, 'पिछले तीन सालों में, मुझे लगा कि मेरे रास्ते में बहुत सारी नफरत आ रही है और इसका वास्तव में मेरी मां पर बहुत बुरा असर पड़ा है. मैंने उन्हें सचमुच में ढहते हुए देखा क्योंकि वह टीवी देखती थीं. वह ऑनलाइन चीजें पढ़ रही थी. वह टीवी एंकरों को चीखते-चिल्लाते और सबसे भयानक बातें कहते हुए देख रही थी, किसी कारण से मुझे राक्षसी बना रही थी.'
आपको बता दें कि फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी से करण जौहर सात साल बाद निर्देशक की कुर्सी पर वापस लौटे हैं. उनकी आखिरी निर्देशित फिल्म ऐ दिल है मुश्किल थी. करण जौहर ने कुछ कुछ होता है, कभी खुशी कभी गम, माई नेम इज खान जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है. करण जौहर ने इस साल बतौर निर्देशक 25 साल भी पूरे किए. उन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं.
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